भारत कई देशों का एक द्वीप है और कोई भी इसे एक नहीं कर सकता है: पीएम मोदी

Akanksha
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नई दिल्ली। पीएम मोदी अभी संसद में संबोधन दे रहे है, इस दौरान उन्होंने कहा कि, पोस्ट कोरोना के बाद दुनिया में एक नया संबंधों का वातावरण आकार लेगा। ऐसी स्थिति में भारत एक कोने में कटकर नहीं रह सकता। हमें एक मजबूत प्लेयर के रूप में उभरकर निकलना होगा। भारत को सशक्त होना होगा और इसका एकमात्र रास्ता है आत्मनिर्भर भारत।

वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान उठे मुद्दों का जवाब दे रहे हैं। इससे पहले उन्होंने राज्यसभा में हुए अपने संबोधन के दौरान विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए जमकर निशाना साधा था। पीएम मोदी लोकसभा में पहुंच चुके हैं। संसद में पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन में 15 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई है। रात के 12-12 बजे तक चर्चा हुई है। मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं। महिला सांसदों का विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, भारत आजादी के 75वें वर्ष पर दस्तक दे रहा है। आजादी का 75वां वर्ष हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। समाज व्यवस्था में हम कहीं पर हों देश के किसी कोने में हों। हम सब ने मिलकर के आजादी के इस पर्व से एक नई प्रेरणा प्राप्त करके 2047 जब देश आजादी के 100 साल पूरा कर रहे होंगे तो हमारा देश कहां हो इसके लिए संकल्प लेने का काम इस परिसर का है।

उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेज कहा करते थे कि भारत कई देशों का एक द्वीप है और कोई भी इसे एक नहीं कर सकता है। लेकिन आज 75 साल की यात्रा में हम विश्व के लिए एक आशा की किरण बनकर खड़े हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के दौरान भारत ने जिस प्रकार से अपने आप को संभाला और दुनिया को संभलने में मदद की वो एक प्रकार से टर्निंग प्वाइंट है। जिस भावनाओं को लेकर हम पले बढ़े हैं वो है सर्वेभन्तु निरामया, कोरोना काल में भारत ने इसको करके दिखाया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पोस्ट कोरोना के बाद दुनिया में एक नया संबंधों का वातावरण आकार लेगा। ऐसी स्थिति में भारत एक कोने में कटकर नहीं रह सकता। हमें एक मजबूत प्लेयर के रूप में उभरकर निकलना होगा। भारत को सशक्त होना होगा और इसका एकमात्र रास्ता है आत्मनिर्भर भारत। संसद में
चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना से जीतने का क्रेडिट देश की जनता को दिया साथ ही साथ डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और सफाई कर्मियों की जमकर तारीफ की।

उन्होंने संसद में अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि सच्ची कसौटी तब होती है जब संकट होता है। कई देशों ने लोगों को पैसे दिए ताकि उनकी मदद हो सके। देश पैसों का ढेर होने के बाद भी लोगों तक पैसा नहीं पहुंचा पाए। लेकिन ये भारत है जो कोरोना काल में 75 करोड़ भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है। यही भारत है जिसने जन-धन, आधार और मोबाइल के द्वारा 2 लाख करोड़ रुपया इस कालखंड में लोगों तक पहुंचा दिया, और दुर्भाग्य देखिए कि ये आधार, मोबाइल और जनधन अकाउंट इतना करीब से काम आया लेकिन कभी-कभी सोचते हैं कि आधार को रोकने के लिए कौन लोग कोर्ट गए थे कौन लोग सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटा रहे थे।