SpaDeX Docking Successful : भारत ने एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है, जब इसरो के स्पैडेक्स मिशन ने अंतरिक्ष में सफल डॉकिंग कर भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बना दिया है, जिसने पृथ्वी की कक्षा में दो उपग्रहों की डॉकिंग पूरी की। यह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक गर्व का पल है और देशवासियों के लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने इस महान उपलब्धि के लिए इसरो को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर इसरो के वैज्ञानिकों और समस्त अंतरिक्ष समुदाय को बधाई दी। उन्होंने कहा, “उपग्रहों की डॉकिंग सफलता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले वर्षों में हमारे अंतरिक्ष मिशनों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।”
Congratulations to our scientists at @isro and the entire space fraternity for the successful demonstration of space docking of satellites. It is a significant stepping stone for India’s ambitious space missions in the years to come.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 16, 2025
इसरो : एक ऐतिहासिक क्षण
इसरो ने भी इस मिशन की सफलता को ऐतिहासिक माना और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्पैडेक्स मिशन की डॉकिंग प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई है। 15 मीटर से 3 मीटर तक की दूरी को तय करने का प्रोसेस सफलतापूर्वक पूरा हुआ और स्पेसक्राफ्ट को कैप्चर किया गया। अब भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग हासिल करने वाला चौथा देश बन चुका है।
SpaDeX Docking Update:
🌟Docking Success
Spacecraft docking successfully completed! A historic moment.
Let’s walk through the SpaDeX docking process:
Manoeuvre from 15m to 3m hold point completed. Docking initiated with precision, leading to successful spacecraft capture.…
— ISRO (@isro) January 16, 2025
12 जनवरी को हुआ था स्पैडेक्स मिशन का ट्रायल
स्पैडेक्स मिशन का ट्रायल 12 जनवरी को सफलतापूर्वक पूरा हुआ था। इस दौरान चेजर और टारगेट उपग्रह एक-दूसरे के बेहद करीब आए, पहले 15 मीटर और फिर 3 मीटर की दूरी पर। इससे पहले 11 जनवरी को दोनों उपग्रहों के बीच 230 मीटर की दूरी थी। यह मिशन दो से तीन बार स्थगित होने के बाद आखिरकार अपनी मंजिल पर पहुंचा।
30 दिसंबर को लॉन्च हुआ था स्पैडेक्स मिशन
स्पैडेक्स मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक को प्रदर्शित करना था, जो भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इस मिशन को 30 दिसंबर 2024 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C60 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान-4 के लिए मील का पत्थर
यह मिशन चंद्रयान-4 और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की सफलता के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-4 मिशन में डॉकिंग-अनडॉकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, और यह भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, यह मिशन इंसान को चंद्रमा पर भेजने की योजना को भी साकार करेगा।