लद्दाख: पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच बनी तनावपूर्ण स्थिति को कम करने के लिए बातचीत का दौर जारी है। सोमवार को सैन्य कमांडर्स के बीच छठे दौर की बैठक हुई, जो करीब 13 घंटे चली।
दोनों देशों की ओर बैठक के बाद जारी साझा बयान में कहा गया कि भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडर्स के बीच छठे दौर की सैन्य कमांडर-स्तरीय बैठक हुई। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में एलएसी के साथ स्थिति को स्थिर करने पर स्पष्ट और विचारों का गहन आदान-प्रदान किया।
जारी साझा बयान में कहा गया कि दोनों देशों के नेताओं द्वारा महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने, जमीनी स्तर कम्युनिकेशन को मजबूत करने, गलतफहमी और गलतफहमी से बचने के अलावा मोर्चे पर अधिक सैनिकों को भेजने से रोकने पर सहमति बनी है। साथ ही दोनों देश एकतरफा रूप से जमीन पर स्थिति को बदलने से परहेज करने और स्थिति को तनावपूर्ण बनाने को लेकर किसी भी कदम को उठाने से बचने पर सहमति जताई गई है।
इससे पहले सूत्रों के अनुसार, लद्दाख में जारी तनावपूर्ण माहौल के बीच बैठक के दौरान चीन ने भारत से कहा था कि वह 29 अगस्त के बाद पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर बनाए अपने पोजिशन से पीछे हटे। जबकि भारत ने जोर देकर कहा कि चीन को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अप्रैल-मई 2020 की समयसीमा से पहले वाली मौजूद स्थिति में वापस जाना चाहिए, वहीं चीन चाहता है कि भारत पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर बनाए अपने पोजिशन से पीछे हटे।