लद्दाख: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच तनाव चरम पर है। गुरूवार को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मुलाक़ात में भी बॉर्डर का मुद्दा उठाया गया। एक ओर भारत लगातार इस तनाव को बातचीत से कम करने की कोशिश कर रहा है तो, वहीं दूसरी ओर चीन लगातार सीमा पर अपने सिनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। LAC पर चीन की गुस्ताखियों को देखते हुए भारतीय सेना ने अब 155 मिमी की होवित्जर तोप तैनात करने शुरू कर दिए हैं।
LAC पर बोफोर्स तोप तैनात करने का बड़ा फैसला भारतीय सेना ने ऐसे समय लिया है, जब चीन अपनी घुसपैठ की हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस समय LAC पर भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है और करीब 40 हजार जवान तैनात है। ऐसे में चीन की एक छोटी से गलती उसे बड़ा खामियाजा भुगतने को मजबूर कर सकती है।
इधर, सीमा पर भर्तोय सेन अल्गातारा अपनी स्थिति मजबूत करती जा रही है। सामरिक रूप से बेहद अहम ऊंचाई वाले इलाकों पर जवानों का दबदबा हो चुका है। अब भारतीय सेना फिगर 4 तक पहुंच गई है। ऊंचाई वाले तमाम इलाकों पर भारतीय सेना की मौजूदगी को देखकर चीन बौखलाया हुआ है। चीन ने भले ही सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी हो और गाड़ियां और हथियार तैनात कर चुका हो लेकिन ऊंचाई वाले इलाकों में भारत के कब्जे से उसके पसीने छूटे हुए है।
हिंदुस्तान के जवानों ने पूर्वी लद्दाख के अलग-अलग इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत की है। माउंटेन वारफेयर के उस्ताद माने जाने वाले जवान चीन को सबक सीखाने के लिए तैयार हैं। इस बीच चीन को रास्ते पर लाने के लिए अब हिन्दुस्तान इंटीग्रेटेड रेस्पॉस की रणनीति अपना रहा है। मतलब चीन जिस भाषा में समझे, उसी भाषा में उसे समझाने की पहल होगी।
इन्हीं कोशिशों के तहत विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार की रात चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। मॉस्को में करीब 2 घंटे तक दोनों की बातचीत चली। जयशंकर और वांग यी की मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब हाल के दिनों में चीन की हिमाकत कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। 29-30 अगस्त के बाद से वो लगातार घुसपैठ की कोशिशें करता रहा है और हर बार हिन्दुस्तान ने उसे आगाह किया है।