नई दिल्ली: लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन और भारत के बीच चल रही है। इस तनातनी के एबेच चीफ को डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत का बयान आया है। बिपिन रावत ने कहा कि लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किए गए बदलाव से निपटने के लिए सैन्य विकल्प जारी है, लेकिन इस विकल्प पर विचार सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत विफल होने के बाद किया जाएगा।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि एलएसी पर विवाद की वजह, बॉर्डर को लेकर अलग-अलग धारणाएं होती हैं। उन्होंने सैन्य विकल्पों पर बात करने से मना कर दिया। गौरतलब है कि चीन अभी भी पैगॉन्ग के इलाके में डटा हुआ है। वह फिंगर-5 से पीछे जाने के लिए तैयार नहीं है।
एलएसी पर विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई बार सैन्य वार्ता हो चुकी है। इसमें लेफ्टिनेंट-जनरल स्तर की वार्ता शामिल है। राजनयिक स्तर पर भी बातचीत जारी है। संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी चीन से बात कर रहे है। दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव को कम करने पर बात की जा रही है।
इस बातचीत से एलएसी विवाद का हल नहीं निकल रहा है। फिंगर और डारला इलाके में चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अभ्यास कर रही है। ऐसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने सैन्य विकल्प पर विचार का बयान देकर चीन को कड़ा संदेश देने का प्रयास किया है।