लद्दाख: भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। शनिवार को दोनों देशों के सैनिकों के बीच फिर हुई झड़प के बाद बातचीत का दौर तेज हो गया है लेकिन बातचीत की आड़ में चीन लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। बुधवार को ब्रिगेड कमांडर लेवल पर चर्चा हुई लेकिन इसमें कोई हल नहीं निकला। ऐसे में चर्चा है कि गुरूवार को भी बातचीत का दौर जारी रहेगा।
मौजूदा हालात में बॉर्डर पर तनाव वाली जगह भारत की स्थिति मजबूत है। यही कारण है कि बैठक में भारत का पलड़ा भारी दिख रहा है। भारतीय सेना ने लद्दाख में काला टॉप हिल को अपने कब्जे में ले लिया है। सेना की इस कामयाबी से चीन सकते में है और बौखलाया हुआ है।
दरअसल, ऊंची पहाड़ी पर कब्जा होने के कारण भारत की स्थिति मजबूत हो गई है। ऐसे में अगर हालात बिगड़ते हैं तो हिंदुस्तान को फायदा होगा। यही कारण है कि बातचीत की टेबल पर भी भारत सख्त रवैया अपना रहा है और अपनी बात पर अड़ा हुआ है। इस बातचीत के बीच भारत ने लद्दाख में पैंगोंग इलाके में नॉर्थ फिंगर 4 को फिर अपने कब्जे में ले लिया है।
जून महीने के बाद पहली बार भारतीय सेना के कब्जे में ये इलाका पूरी तरह से आ गया है। अब यहां से सबसे निकट की चीनी पोस्ट फिंगर 4 के ईस्ट हिस्से में हैं, जो भारतीय सेना की पॉजिशन से कुछ मीटर की दूरी पर है। भारत पहले ही काला टॉप और हेल्मेट टॉप अपने कब्जे में ले चुका है, साथ ही अब गोस्वामी टॉप भी भारत के कब्जे में आने की खबर है।
बॉर्डर पर जारी तनाव के बीच दिल्ली में बैठकों का दौर जारी रहा। इस दौरान बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के लिए रवाना हुए, जहां वह देर शाम को पहुंचे। राजनाथ सिंह को रूस के मॉस्को में SCO देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेना है, जहां पर चीन के प्रतिनिधि भी होंगे। हालांकि, इस दौरान भारत-चीन के सदस्यों की मुलाकात होगी या नहीं इसपर कोई ठोस जानकारी नहीं है।