बाढ़ के खतरे को देखते हुए पंजाब के 50 गांव खाली कराने के आदेश, बारिश ने तोड़े कई सालों के रिकॉर्ड

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नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। उत्तर भारत में लगातार हो रही बारिश के चलते 23 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। ये मौतें भूस्खलन और बारिश से जुड़ीं घटनाओं में हुईं। आसमान से बरसी मानसूनी आफत ने उत्तर भारत में त्राहि-त्राहि मचा रखी है। उत्तरी भारत के बड़े भूभाग से गुजरने वाली यमुना और उसकी सहायक नदियां उफान मार रही हैं। जानकारी के मुताबिक, मनाली में बारिश का 52 साल का रिकॉर्ड टूटा है। वहीं सोलन में 9 साल में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई।

दिल्ली सरकार ने सोमवार को एमसीडी, सरकारी व निजी स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए हैं। पंजाब में एहतियात के लिए प्रशासन ने शाहकोट के सतलुज दरिया के किनारे वाले 50 गांव खाली करने का आदेश दिया है। दिल्ली में जहां सड़कें तालाब बनी हुई हैं, तो वहीं उत्तराखंड-हिमाचल में पुल, सड़कें, कारें और इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढहती नजर आ रही हैं। दिल्ली, नोएडा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

अरविंद केजरीवाल ने सचिवालय में एक अहम बैठक बुलाई है। दिल्ली में बाढ़ की आशंका जताई जा रही है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में कई घर बारिश के चलते तबाह हो गए। पंजाब में सेना को मदद के लिए तैयार रहने को कहा गया है तो दिल्ली सड़कों पर हजारों की संख्या में ट्रैफिक कर्मियों को उतारा गया है। ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से हिमाचल के मंडी जिले की सभी नदियां और नाले उफान पर हैं।

शनिवार और रविवार को रिकॉर्ड बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन और बाढ़ की घटना सामने आई है। सबसे ज्यादा प्रभावित जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली हुए हैं। पहाड़ी इलाकों में बारिश ने बाढ़ का रूप लिया और सड़कों तक को बहा कर ले गई। हिमाचल में कई नदी-नहरें खतरे के निशान से ऊपर हैं। 2 जगह बादल फटा है। उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है।