MP News : MP सरकार ने जेलों में बंदियों के लिए भोजन व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव से कैदियों को अब बेहतर और पौष्टिक आहार मिलेंगे, जिससे उनकी सेहत में सुधार होगा और जेल की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। यह नया कानून 1 जनवरी से लागू हो सकता है और इसमें लगभग 1000 नए नियम शामिल हैं। इस लेख में हम इन बदलावों को विस्तार से समझेंगे।
कैदियों को मिलेगा दूध, दही, छाछ और सलाद
अब तक MP की जेलों में बंदियों को केवल साधारण और बेसिक खाना मिलता था, लेकिन नए नियम के तहत उन्हें अब दूध, दही, छाछ, और सलाद जैसी पौष्टिक और संतुलित चीजें भी मिलेंगी। यह बदलाव राज्य को देश का पहला राज्य बना देगा जो अपने कैदियों को इतना पौष्टिक आहार प्रदान करेगा। इस कदम से कैदियों का स्वास्थ्य बेहतर होगा और उनके शरीर में जरूरी पोषण की कमी को पूरा किया जा सकेगा।
टीबी के मरीजों को मिलेगा अंडा
नए कानून के अनुसार, जिन कैदियों को टीबी (क्षय रोग) जैसी गंभीर बीमारी है, उन्हें अतिरिक्त आहार के रूप में अंडा भी दिया जाएगा। यह कदम कैदियों की सेहत की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, सभी कैदियों को हफ्ते में एक दिन मिठाई भी दी जाएगी, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद करेगा।
पसंद का खाना बनाने की स्वतंत्रता
नए नियमों के तहत, कैदियों को अपनी पसंद का खाना बनाने की अनुमति भी मिलेगी। इससे उन्हें मानसिक सुकून मिलेगा और वे जेल में खुद को अधिक स्वतंत्र महसूस करेंगे। यह सुधार जेल में रहने के अनुभव को बेहतर बनाने का एक प्रयास है।
नया कानून जल्द होगा लागू
यह सुधार ‘मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं और बंदीगृह अधिनियम’ के तहत किए जा रहे हैं। इस नए कानून का उद्देश्य जेलों में बंदियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। फिलहाल, वित्त विभाग इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है और उसकी मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। जेल महानिदेशक जीपी सिंह ने बताया कि यह बदलाव बंदियों के लिए बेहतर खानपान की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा और इसके लिए मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जाएगा।