अगले 24 घंटों में प्रदेश के इन जिलों में गरज-चमक के साथ बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Meghraj
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जनवरी का महीना मध्य प्रदेश में सर्दी के साथ-साथ बारिश का मौसम भी बनता जा रहा है। इस महीने की शुरुआत से अब तक राज्य में दो बार बारिश हो चुकी है। अब एक बार फिर मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में प्रदेश के कई इलाकों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही कुछ जिलों में कोहरे का असर भी देखा जाएगा।

वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण बिगड़ेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने वाला है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से ग्वालियर, चंबल, सागर और भोपाल संभाग के जिलों में बादल छाने और बारिश होने की संभावना है। अगले दो दिन इन इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। हालांकि, 17 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ का असर कम होगा और मौसम साफ होने लगेगा।

ठंड का दौर फिर होगा तेज

17 जनवरी के बाद जैसे ही वातावरण से नमी कम होगी, तापमान में गिरावट आएगी और ठंड का असर तेज हो जाएगा। 18 जनवरी से एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे बर्फीली हवाएं तेज होंगी। इस दौरान शीतलहर और कोल्ड डे की स्थिति बनने की संभावना है। 22 से 25 जनवरी तक ठंड से राहत की उम्मीद नहीं है।

किन जिलों में बारिश और कोहरे का असर?

मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक प्रदेश के 33 जिलों में बारिश का अनुमान है। इनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा, धार, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर और नीमच शामिल हैं।
इसके अलावा, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, मैहर और मऊगंज में घने कोहरे का असर रहेगा। ग्वालियर, मुरैना, भिंड और शिवपुरी जैसे इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।

पिछले 24 घंटे का तापमान

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री, जबलपुर का 6.6 डिग्री, ग्वालियर का 8.4 डिग्री, उज्जैन का 8.5 डिग्री और इंदौर का 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह दर्शाता है कि ठंड अभी भी अपने चरम पर है और आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।

मौसम का वैज्ञानिक विश्लेषण

मौसम विभाग ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में सक्रिय है। इसके साथ ही उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम बन रही है। निचले स्तर पर पूर्वी हवाओं और ऊपरी स्तर पर पश्चिमी हवाओं के मेल से प्रदेश में नमी का संचार हो रहा है, जिससे बारिश और ठंड दोनों का असर बढ़ रहा है।