MP Weather : मौसम विभाग द्वारा मध्यपदेश में एक बार फिर से जोरदार बारिश का अनुमान जताया गया हैं। दरअसल मौसम विभाग का कहना हैं कि 18 अगस्त के उपरांत प्रदेश में एक बार फिर से वृष्टि का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा जिसके बाद छिटपुट जगहों पर कहरभरी बारिश देखने को मिल सकती हैं। वहीं 16 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में एक नई मौसम प्रणाली बनने जा रही हैं। जिससे रीवा, शहडोल, मंडला सहित पूर्वी भागों में तूफानी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया गया है। जिसके परिणाम स्वरुप MP में पुनः बरसात का कहर शुरू हो सकता है। वही गुजरात के ऊपर चक्रवात परिसंचरण सक्रिय हो गया है, जिससे मध्यप्रदेश के इंदौर-उज्जैन संभाग में मानसून में बड़ा फेरबदल दिखाई देने वाला हैं। वही साधारण प्रणाली के चलते भोपाल में सामान्य बरसात दर्ज की जा सकती हैं। वही 15 अगस्त से पूर्वी मप्र में छिटपुट स्थलों पर भयंकर बारिश हो सकती हैं।
वहीं मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान की माने तो आज सोमवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम में सामान्य बौछारें पड़ सकती है, वही जबलपुर और ग्वालियर में बादलों की लुकाछुपी देखने को मिलती रहेगी। मौसम में इस तरह के हेर फेर आपको लगातार 18 अगस्त तक देखने को मिल सकते हैं। इसी के साथ हल फिलहाल दो-तीन दिन तक इसी प्रकार बना रह सकता है। 15 अगस्त से पूर्वी MP में छिटपुट जगहों पर बारिश होने की आशंका जताई गई है। बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन चक्र बना हुआ है, जो कम नमी का एरिया बनेगा। इसके असर से 17 अगस्त से मामूली से तेज बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा। वही ग्वालियर-चंबल संभाग में भयंकर बारिश की संभावना जताई जा रही हैं।
क्या कहता है मौसम विभाग का अनुमान
MP मौसम विभाग की मानें तो मौजूदा समय में बिहार के इर्द गिर्द हवा के ऊपरी हिस्सों में एक साइक्लोन बना हुआ है। एक द्रोणिका मणिपुर एवं दूसरी द्रोणिका बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। वही वर्षाऋतु द्रोणिका हिमालय की तलहटी में जा पहुंची। पाकिस्तान और उससे लगे पंजाब के अड़ोस पड़ोस एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बना हुआ है। वहीं इसके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी में आंध्रा के किनारे पर भी हवा के ऊपरी हिस्सों में एक साइक्लोन बना हुआ है। अलग-अलग जगहों पर बनी इन मौसम प्रणालियों का फिलहाल मध्य प्रदेश के मौसम पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ रहा है, जिससे वर्षाकाल की हलचल लगातार देखने को मिलेगी।
फिर से बदलेगा मौसम
गौरतलब हैं कि मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में वर्षाऋतु मौसम में बड़े परिवर्तन देखने को मिलने वाला हैं। वर्षाऋतु की अक्षीय लाइन दक्षिण की तरफ है जो अमृतसर, नजीराबाद, कानपुर, दरभंगा, जलपाईगुड़ी से दक्षिण-पूर्व की तरफ मिजोरम पहुंच रही है। राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भिन्न-भिन्न साइक्लोन बने हुए हैं, लेकिन इनका प्रभाव ग्वालियर-चंबल संभाग में जरा सा भी नहीं है, लेकिन 15 से 16 अगस्त के तक़रीबन वर्षाकाल की अक्षीय लाइन उत्तर की तरफ आएगी और बंगाल की खाड़ी में भी नई मौसम प्रणाली सक्रिय होने के साथ ही तूफानी बारिश का अंदेशा जताया जा रहा हैं। जिसके बाद भयंकर वर्षा देखने को मिल सकती हैं।