MP Weather : प्रदेश में वातावरण में कम दवाब और साइक्लोन के असर के चलते वर्षा का कहर लगातार जारी है। शनिवार रात धुआंधार वर्षा के चलते एक बार फिर नदी नाले उफान पर आ गए है। मानसून अब प्रदेश पर जमकर मेहरबान हो रहा है। मानसून की मेहरबानी से तक़रीबन पूरा प्रदेश जलाशयी हो रहा है। मौसम विभाग ने आज भी कई इलाकों में जोरदार वर्षा की आशंका जताई है। इनमें कुछ क्षेत्रों में मूसलाधार बरसात की भविष्यवाणी की गई है। इन जिलों के लिए मौसम विभाग ने वृष्टि का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी कर दिया है। मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक ओवरऑल 5 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है। बारिश का यह दौर अभी भी देखने को मिल रहा है।
वहीं मौसम विभाग के अनुसार रविवार यानी आज भी प्रदेश के कई भाग बारिश से तरबतर होंगे। मौसम विभाग ने डिंडोरी ,सतना, अनूपपुर और शहडोल में बरसात का ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं बालाघाट, मंडला, रीवा, सागर, सीधी, सिंगरौली और सिवनी में तूफानी बारिश तथा वज्रपात का येलो अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। मौसम विभाग ने इन इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
अगले कुछ दिन ऐसा रहेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी प्रदेश में अगले तीन दिन तक मध्यम से तेज बारिश के आसार हैं। तो वहीं पश्चिमी मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग में हल्की बारिश होगी। आईएमडी के अनुसार वर्तमान में ओडिशा और आंध्रा पोस्ट के ऊपर कम दवाब का क्षेत्र होने के चलते अगले दो-तीन दिन तक बारिश होगी। इसके बाद मौसम साफ रहेगा। 3 से 4 अगस्त तक मौसम ऐसा ही रहेगा। इसके बाद फिर तेज बारिश का दौर फिर से शुरू होगा।
25 से ज्यादा जिलों में बारिश का अलर्ट
MP मौसम विभाग ने आज रविवार को प्रदेश के 25 से अधिक जिलों में सामान्य से झमाझम बरसात का येलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। इन जिलों में वर्षा के साथ वज्रपात की भी संभावना जताई गई है। पूर्वी हिस्से में अगले 2 से 3 दिन तक मौसम प्रणाली सक्रिय होगी, जिसके असर से दक्षिण-पूर्वी हिस्से में भी वर्षा का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। ग्वालियर, चंबल, शहडोल, जबलपुर, रीवा और सागर संभाग में कहीं-कहीं भारी वृष्टि हो सकती है। पश्चिमी मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग में मामूली वर्षा होगी। इसके बाद बरसात पर विराम लगेगा, फिर 5 अगस्त से प्रदेश में एक बार फिर जोरदार वर्षा का सिलसिला प्रारंभ होने का पूर्वानुमान जताया है।
4 मौसम प्रणाली एक्टिव
मौसम स्पेशलिस्ट के अनुसार प्रदेश में वृष्टि की 4 मौसम प्रणाली सक्रिय है। जिससे धुआंधार बारिश का आलम देखने को मिल रहा है। प्रदेश में साइक्लोन सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन होकर गुजर रही है। जिसके कारण कुछ जगहों पर वर्षा का दौर देखने को मिल सकता है। प्रदेश के कुछ जिलों में आज से फिर मूसलाधार बारिश का दौर शुरू होगा।
इन जिलों में भारी अलर्ट
वहीं आज यानी रविवार को प्रदेश के इन जिलों में झमाझम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा और मंदसौर जिले मौजूद है। मौसम विभाग ने इन जिलों में भारी बरसात का येलो अलर्ट जारी कर दिया है। इसके अतिरिक्त अन्य जिलों में मौसम सामान्य बना रहने के साथ आकाश में बादल डेरा डाले रहेंगे। साथ ही हवाओं का सिलसिला जारी रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के कई जिलों में हल्की से भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। अब तक नीमच, रतलाम, इंदौर और बुरहानपुर जिलों में सामान्य से 60 फीसदी से ज्यादा वृष्टि हो चुकी है। वहीं अशोकनगर, टीकमगढ़, दमोह, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली जिले में सामान्य से कम वर्षा रिकॉर्ड हुई है। इन जिलों में किसानों को बारिश की उम्मीद है।
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
वहीं आपको बता दें कि सीहोर, राजगढ़, बुरहानपुर, खरगोन, झाबुआ, रतलाम, उज्जैन, देवास, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, भिंड, मुरैना, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा में धुआंधार वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।भोपाल, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, इंदौर, शाजापुर, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी।
अभी तक औसत से पांच प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है
वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश के मुरैना, श्योपुर, बैतूल, रायसेन, शिवपुरी, विदिशा, नर्मदापुरम, उमरिया, पन्ना, नीमच, जबलपुर, दमोह, छतरपुर और कटनी में मध्यम से भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया है। इसके अतिरिक्त जबलपुर, सागर, रीवा, शहडोल, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के कुछ क्षेत्रों में बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ बौछारों की आशंका जताई गई है। धुआंधार मानसून के कारण मध्य प्रदेश में अभी तक औसत से पांच प्रतिशत अधिक बादल बरस चुका हैं।