अगले 12 घंटों में प्रदेश के इन 8 जिलों में मौसमी चक्रवात के साथ बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण मध्य प्रदेश के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। कई क्षेत्रों में जलजमाव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे आवागमन में बाधा आई। लेकिन अब मौसम विभाग ने राहत भरी खबर दी है। विभाग के अनुसार, आज प्रदेश में भारी बारिश की संभावना नहीं है।

प्रदेश में मौसम का मिजाज

हाल के दिनों में निरंतर हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। लेकिन अब यह बारिश का सिलसिला थमने लगा है। हालांकि, खरगोन, बुरहानपुर और बैतूल जैसे कुछ इलाकों में हल्की बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल कोई सक्रिय मानसूनी सिस्टम नहीं है, जिसके चलते कई जिलों में धूप भी निकलेगी। जबलपुर क्षेत्र में नमी वाली हवाएं आ रही हैं, जिससे मौसम में बदलाव हो सकता है। मौसम की ट्रफ लाइन दीघा, जैसलमेर, कोटा से होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है, जिससे केवल वहीं बारिश की संभावना है जहां ट्रफ लाइन बन रही है।

इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग के अनुसार, आज मध्य प्रदेश में भारी बारिश की उम्मीद नहीं है, जिससे लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि, बैतूल, खरगोन, शिवपुरी, ग्वालियर, बुरहानपुर, सिवनी, मुरैना, सागर, पांढुर्णा और श्योपुरकलां में हल्की बारिश देखी जा सकती है। वहीं, विदिशा, रायसेन, सीधी, रीवा, भोपाल, मऊगंज, भिंड, दतिया, राजगढ़, रायसेन, सीहोर, इंदौर, देवास, खंडवा, हरदा, शाजापुर, अशोकनगर, सिंगरौली, अनूपपुर, आगर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, टीकमगढ़, छिंदवाड़ा, मंडला, बड़वानी और निवाड़ी जैसे क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा।

इन जिलों में हल्की बारिश की संभावना

20 सितंबर, यानी आज, मौसम मिलाजुला रहने वाला है। धूप और बादल दोनों दिखाई दे सकते हैं, लेकिन बारिश की संभावना बहुत कम है। फिलहाल, मानसून की कोई सक्रियता नहीं है। लेकिन 23 सितंबर के बाद एक मजबूत सिस्टम सक्रिय होने की उम्मीद है, जिसके चलते बारिश की संभावनाएं फिर से बढ़ सकती हैं।

इस वर्ष मध्य प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। राज्य में कुल 282 बांध हैं, जिनमें से 199 बांधों में 90% से अधिक पानी भरा हुआ है। कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई थी, जिसके चलते हाई अलर्ट भी जारी किया गया था। कई बांधों से पानी छोड़ने की वजह से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे बाढ़ की समस्याएं कई स्थानों पर देखी गईं।