नगर निगम द्वारा जिन कॉलोनियों को अवैध से वेध किया गया है उनमें कॉलोनाइजर खुली भूमिका मैं विक्रय ना कर सके इसलिए किए गए कई प्रावधान, जिसमें नागरिकों को नहीं होगी परेशानी

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इंदौर। नगर निगम इंदौर द्वारा जिन कालोनियों को अवैध से वैध करने हेतु चयनित किया गया है उनमें कॉलोनाइजर खुली भूमिका विक्रय ना कर सके इस हेतु नियमों के प्रावधान अनुसार क्रय विक्रय हेतु नगर निगम से अनापत्ति लेना है जिसमें आम नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी एक आदेश में मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 433 के साथ मध्यप्रदेश नगरपालिका कॉलोनी विकास नियम मैं निम्नलिखित संशोधन किया गया है। उक्त नियमों में सूची के सार्वजनिक होने की तारीख से संबंधित कॉलोनी की भूमि सक्षम प्राधिकारी के प्रबंध के अधीन होगी और सूची की प्रति इस आशय से उपपंजीयक कार्यालय को भेजी जाएगी कि संबंधित कॉलोनी की भूमि एवं भूखंड/ भवन किसी भी प्रकार के अंतरण या अंतरण करार द्वारा प्रभावित नहीं होंगे।

विक्रेता या क्रेता अथवा दोनों से नगरीय निकाय से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की अपेक्षा की जाएगी। तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना पंजीयन निष्पादित नहीं किया जाएगा। नगरीय निकाय ऐसा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के पहले संबंधित रहवासी संघ से परामर्श कर सकेगा। वहीं उप नियम 6 के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी उन समस्त व्यक्तियों की जिन्होंने अनाधिकृत कॉलोनी विकसित करने का अपराध किया है। उन संपत्तियों को चिन्हअंकित कर कुर्क कर सकेगा। इसी के साथ सक्षम प्राधिकारी द्वारा संप्रहत संपत्तियों के व्ययन से प्राप्त राशि संबंधित निकाय की निधि के रूप में होगी तथा इसका उपयोग केवल संबंधित कॉलोनी के विकास कार्य के लिए किया जा सकेगा। परंतु मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम/ नगर पालिका के अधीन संपत अचल संपत्ति का अंतरण नियम के अधीन संप्रहात अचल संपतियों के व्ययन के लिए आदेश जारी करेगा और ऐसी सभी संपत्तियों का मूल्यांकन प्रचलित कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर किया जाएगा। यह कि सक्षम प्राधिकारी के ऐसे आदेश के विरुद्ध अपील आदेश जारी करने के लिए जाने की तारीख से 30 दिवस भीतर आयुक्त नगरी प्रशासन एवं विकास को प्रस्तुत की जा सकेगी।

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इसी के साथ आदेश में कहा गया कि सक्षम प्राधिकारी अनाधिकृत कॉलोनी में नागरिक अवसंरचना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उप नियम छह के अधीन तैयार अंतिम अभिन्यास के आधार पर एक योजना तैयार करेगा। जिसमें नागरिक अवसंरचना उपलब्ध कराने की अनुमानित लागत का आकलन, विकास कार्य पूर्ण करने के लिए समय सीमा विकास, विकास कार्यों के लिए प्रति वर्ग मीटर विकास शुल्क का निर्धारण, आवंटित नहीं किए गए शेष भूखंडों तथा भवनों के विक्रय के लिए मानदंड, कॉलोनी की भूमि का कुल क्षेत्र एवं भूखंडों भवनों की संख्या और अभिकृति भूमि और भूखंड भवनों की संख्या एव आकार।परंतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा अंतिम योजना सर्वसामान्य की जानकारी के लिए समाचार पत्रों वेबसाइट एवं अन्य माध्यमों द्वारा प्रदर्शित की जाएगी विकास योजना को अंतिम रूप दिए जाने के पश्चात भूखंड स्वामी, भवन अनुज्ञा, जल संयोजन तथा विद्युत संयोजन के लिए पात्र होंगे। सक्षम प्राधिकारी नियम 23 के अधीन प्रकाशित योजना के क्रियान्वयन के लिए संबंधित कॉलोनी में मध्यप्रदेश प्रकोष्ठ स्वामित्व नियम 2019 के अधीन पंजीकृत रहवासी संघ का गठन कर सकेगा।

नियमों के अनुसार ऐसी कॉलोनियों में जिनकी बसाहट एक हेक्टेयर क्षेत्रफल से कम हो, वहां एक दूसरे की सीमा से लगी कॉलोनियों के लेआउट या यथासंभव संबंधित कर संयुक्त रहवासी संघ का गठन किया जा सकेगा। नियम 23 के उप नियम 4 के अधीन चिन्हित अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास शुल्क की कुल राशि में से 20% निम्न आय वर्ग के रहवासियों से और 50% अन्य रहवासियों से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित की जाएगी। परंतु निम्न आय वर्ग के रहवासियों से सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी निम्न आय वर्ग का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जाएगी। विकास शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख सक्षम प्राधिकारी द्वारा विहित की जाएगी तथा विकास शुल्क अवधारित किए जाने के पश्चात इस संबंध में एक सार्वजनिक सूचना समाचार पत्र तथा अन्य माध्यमों से प्रकाशित की जाएगी और अवधारीत विकास शुल्क निम्नलिखित रीती में संग्रहित किया जा सकेगा। भवन अनुज्ञा के लिए आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर, बिना अनुमति के निर्मित किसी भवन के प्रशमन हेतु आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर, भवनों के किसी भी प्रकार के अंतरण के लिए नगरीय निकायों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर, रहवासी संघ के माध्यम से

विकास योजना का क्रियान्वयन निम्नलिखित माध्यम से प्राप्त निधियों से किया जा सकेगा जिसमें भवन भूखंड स्वामियों से प्राप्त विकास शुल्क, केंद्र व राज्य सरकार द्वारा घोषित योजनाओं के अधीन प्राप्त निधियां जो योजनाओं के निबंधों तथा शर्तों के अनुसार कॉलोनियों में विकास कार्यों पर व्यय की जाएगी, सार्वजनिक निजी भागीदारी संसद सदस्यों एवं विधायकों के स्थानीय क्षेत्र से प्राप्त निधि राशि, विकास कार्य प्रारंभ करने के लिए भूखंडों पर अवधारित विकास शुल्क की पूर्ण वसूली की आवश्यकता नहीं होगी उपलब्ध निधि से प्राथमिकता के विकास कार्य किए जा सकेंगे। मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा और उक्त नियमों के आधार पर उप बंधुओं के अधीन अधिग्रहण की गई अनाधिकृत कॉलोनी के विकास के लिए उत्तरदाई व्यक्तियों की संपत्ति के विक्रय द्वारा प्राप्त राशि वही अधीन प्राप्त विकास लागत की राशि से समायोजित विकास लागत तथा समायोजित राशि कॉलोनी के बाहर विकास एवं संधारण कार्य में वही की जा सकेगी।