वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अभाव में अंध विश्वास फलता फूलता है

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25 अक्टूबर। कबीर जनविकास समूह के तत्वाधान में आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में अंधश्रद्धा उन्मूलन के राज्यकार्यध्यक्ष अविनास पाटिल ने कहा कि भूत ,प्रेत,डायन,चुड़ैल,जादू टोना चमत्कार के नाम पर पूरे देश में आर्थिक एवं शारीरिक शोषण का अनैतिक व्यापार चलता है जिसमें सबसे ज्यादा शोषण महिलाओं का होता है।वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अभाव में अंधविस्वास फलता फूलता है।इस व्यापार को समाप्त करने के लिए सरकार,पहल नही करती इसलिए सामाजिक संगठनों ,शैक्षिणिक संस्थाओं ,मीडिया और विवेक पर विश्वास करने वाले लोगों को पहल करना चाहिए देश की बड़ी आवादी इस अंधकार की सुरंग में शोषित हो रही है।वैज्ञानिक दृष्टिकोण को फैलाना अब स्वेछिक कार्य नही हमारी और सरकारों की संवैधनिक जबाबदारी है। डॉ दाभोलकर की हत्या के बाद जनता के दबाव से महाराष्ट्र सरकार ने अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून बनाया।सभी राज्यो एवं देश में ऐसे कानून की जरूरत है।
उन्होंने अपने सारगर्भित व्याख्यान में बताया हमारा संगठन 30 वर्षो से महाराष्ट्र के 36 जिलों की 13 करोड़ आवादी मैं 350 स्वेच्छिक संगठनों के साथ अंधश्रद्धा उन्मूलन का कार्य कर रहा है जिसका परिणाम यह हुआ है कि महाराष्ट्र में चमत्कार का दावा करने वाला कोई बाबा नही बचा है।उन्होंने अंधविस्वास समाप्त करने की दिशा के लिए पांच बातें बताई शोषण करने वालों का विरोध,वैज्ञानिकता का प्रचार, धर्म और आस्था के नाम पर फैली अवैज्ञानिक बातों की चिकित्सा,विवेक एवं वैज्ञानिक चिंतन रखने वाले संगठनोबके साथ कार्य करना,संविधान में वर्णित मूल्यों को स्थापित करने से अंधविस्वास के जाल से मुक्ति मिल सकती है।
इस ऑन लाइन कार्यक्रम में सायं 5बजे से ख्यात गायक कालूराम बामनिया की कबीर गायिकी ने जादू बिखेरा उन्होंने सद्गुरु से मिलना चाला रे…से शुरू कर  मुख बिन बोलना पग बिन चलना उलटवासी…. अंधविश्वास पर केंद्रित अंधेरी दुनिया भजन बिना कैसे तिरिओ. राम सुमरि जग लड़वा दे. ज्ञान की जड़िया ….जैसे भजन सुनकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया ।मधुर एवं संतुलित संगतकारी के प्रभाव ने दशहरा की शाम को खुशनुमा कर दिया।
 छोटेलाल भारती ने किया  तकनीकी संयोजन विनोद जाटव ने एवं आभार सुरेश पटेल ने किया।
सुरेशपटेल