अगस्त के 25 दिनों में बड़े बकायादारों से वसूली जाएगी बिजली बिल की राशि, प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

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इंदौर। बिजली की गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति और समय पर राजस्व संग्रहण पश्चिम क्षेत्र कंपनी का मुख्य़ लक्ष्य है। कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिलों के अधिकारी बड़े बकायादारों से अगस्त में संपर्क कर बिल रकम जमा कराए। इसके लिए विशेष प्रयास कर परिणाम लाया जाए। ऊर्जस ऑन लाइन सेवाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाए और 33 केवी, 11 केवी फीडरों की ट्रिपिंग में भी और कमी लाए।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने ये समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। गुरुवार को पोलोग्राउंड इंदौर स्थित संभागार कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिले के मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं और कार्यपालन अभियंताओं को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी जिलों मे विजिलेंस एप के उपयोग से ही पंचनामें बनाए जाए, मैन्युअल पंचनामें स्वीकार नहीं होंगे। इस एप से अब तक 750 डिजिटल पंचनामें तैयार किए गए है। श्री तोमर ने कहा कि जिन जिलों में एसएसटीडी योजना के तहत अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर मंजूर हुए है, वे यह कार्य इसी माह पूर्ण करे।

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तोमर ने कहा कि 10 किलो वॉट से उपर के कंपनी क्षेत्र के सभी 65 हजार उपभोक्ताओं के यहां एएमआर या एमआरआई से ही रीडिंग होगी। मेन्युअल या पीएमआर से काम नहीं चलेगा। तोमर ने इंदौर शहर वृत्त का जुलाई में 246 करोड़ का राजस्व संग्रहण होने पर संतोष जताया, वहीं शहर के पूर्व और दक्षिण संभाग का राजस्व अन्य से अच्छा होने पर बधाई दी गई। रतलाम शहर का राजस्व भी अच्छा होने पर बधाई मिली। प्रबंध निदेशक ने नई योजना आरडीएसएस के तहत अब तक के सर्वे की रिपोर्ट को क्रास चेक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन उच्चदाब उपभोक्ताओं की संविदा बिजली मांग की तुलना में मौजूदा मांग ज्यादा रिपोर्ट हो रही है, उन कनेक्शनों की मांग तत्काल बढ़ाई जाए।

अभियंताओं की भर्ती होगी

प्रबंध निदेशक तोमर ने कहा कि शासन स्तर से बिजली अभियंताओं की भर्ती की जाना है। स्थानीय चुनाव का कार्य होने पर आचार संहिता खत्म हो गई है, इस भर्ती प्रक्रिया में इसी माह से गति आने के उम्मीद है। वे इसके लिए शासन से सतत चर्चारत है।

डीटीआर फेल रेट में कमी लाए

तोमर ने आगर समेत अन्य जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को डीटीआर फेल रेट में कमी लाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य, कार्यपालक निदेशक मनोज झंवर, संजय मोहासे,  गजरा मेहता, मुख्य अभियंता  कैलाश शिवा, पुनीत दुबे, बीएल चौहान, एसएल करवाड़िया,  एसआर बमनके, मुख्य वित्त अधिकारी नरेंद्र बिवालकर, शहर अधीक्षण अभियंता मनोज शर्मा, ग्रामीण अधीक्षण अभियंता डीएन शर्मा आदि ने भी प्रमुख रूप से विचार रखें।