हमारे देश में लोग हार्ट से संबंधित समस्या को एसिडिटी समझ लेते हैं, दो-दो दिन तक एसिडिटी और पेन किलर की गोलियां खाते रहते हैं जो की सही नहीं है – डॉ. महेंद्र चौरसिया एमजीएम मेडिकल कॉलेज

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इंदौर। हार्ट से संबंधित समस्याएं हमारी लाइफ स्टाइल और हमारे खान-पान से जुड़ी हुई है। वहीं वर्तमान समय में हमारी लाइफस्टाइल में बदलाव होने के चलते बढ़ता मोटापा, डायबिटीज, स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं आम हो गई है जो कि आगे चलकर हार्ट संबंधित समस्याओं को बढ़ाती है। पहले हार्ट संबंधित समस्या 50 साल की उम्र के बाद देखी जाती थी जो कि अब कॉमन रूप से 25 से 30 की उम्र में देखी जाती है। वही युवाओं में अन्य कारणों के साथ-साथ स्मोकिंग के बढ़ते चलन की वजह से भी हार्ट से संबंधित समस्या देखी जा रही है। वहीं महिलाओं की बात अगर की जाए तो आज महिलाएं भी पुरुषों की तरह कॉन्पिटिटिव फील्ड में है जिस वजह से उनमें भी स्ट्रेस लेवल बढ़ गया है। पहले 10 पेशेंट में से 2 महिलाएं हार्ट संबंधित समस्याएं लेकर आती थी वहीं अब यह आंकड़ा 10 में से 4 हो गया है। इन सब समस्याओं से बचने के लिए हमें एक्सरसाइज, रनिंग, वाकिंग, स्विमिंग, एरोबिक एक्सरसाइज, योग, मेडिटेशन और अन्य प्रकार की करना चाहिए जो कि हमें कई बीमारियों से बचाती है। हमारे देश में लोग हार्ट से संबंधित समस्या को एसिडिटी समझते हैं जो की सही नहीं है। यह बात डॉक्टर महेंद्र चौरसिया ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. हार्ट अटैक से संबंधित समस्या किन कारणों से सामने आती है, इसके लक्षण क्या हैं

जवाब. अगर बात हार्ट अटैक से संबंधित समस्या की की जाए तो यह समस्या आम तौर पर हार्ट की नलियों में ब्लॉकेज होने की वजह से सामने आती है। इसमें दो प्रकार के पेशेंट हमारे पास आते हैं जिसमें एक वह होते हैं जो सीवियर पेन लेकर आते हैं उनकी हार्ट की नलियों में पूरी तरह ब्लॉकेज हो जाता है जिसे एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी कर स्टैंड डालकर ओपन कर दिया जाता है।वही कई स्टेबल पेशेंट हमारे पास आते हैं जिसे मेडिकल भाषा में क्रॉनिक स्टेबल एंग्जायटी कहते हैं जिसमें अगर लक्षणों की बात की जाए तो पेशेंट को चलने पर दर्द होना,खाना खाने पर सीने में जलन, सीढ़ियां चढ़ने पर भारीपन लगना और अन्य प्रकार की समस्याएं देखने को सामने आती है। हमारे यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि कई लोग हार्ट से संबंधित समस्या को एसिडिटी समझकर नजरअंदाज करते हैं जो कि सही नहीं है। कई बार मैसिव अटैक आने के बाद भी पेशेंट 2 दिन तक एसिडिटी की गोली खाने के बाद हमारे पास आते हैं। अगर आपको सीने में दर्द हो रहा है और टेबलेट लेने के बाद भी आपको 30 मिनट तक आराम नहीं हो रहा तो आपको ईसीजी करवाना चाहिए ताकि समस्या को पकड़कर उसका निदान किया जा सके।

सवाल. हार्ट की नालियों में ब्लॉकेज से संबंधित समस्या किन कारणों से सामने आती है

जवाब. हार्ट की नालियों में ब्लॉकेज के अगर बात की जाए तो यह कई कारणों से सामने आती है। जिसमें कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रेस, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य प्रकार की समस्याएं हार्ट की नालियों में ब्लॉकेज पैदा करती है। वही हमारे खानपान में फास्ट फूड, ऑइली फूड इस समस्या को बढ़ाते हैं।
इसके लक्षणों की अगर बात की जाए तो 70% तक के ब्लॉकेज में शुरुआती लक्षण साफतौर पर नहीं दिखाई देते हैं। वैसे तो यह उम्र के साथ-साथ बढ़ता है लेकिन कई लोगों में उक्त कारणों की वजह से तेजी से बढ़ता है। आमतौर पर हार्ट फैलियर और कार्डियक अरेस्ट हार्ट की नालियों में ब्लॉकेज एक कारण के रूप में सामने आता है। हार्ट में ब्लॉकेज से संबंधित समस्या के अगर लक्षणों की बात की जाए तो व्यक्ति को चलने फिरने में भारीपन लगना जो दर्द पीछे की तरफ भी बढ़ता है, हाथ में दर्द और अन्य प्रकार के लक्षण सामने आते हैं।

सवाल. हार्ट से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए हमें किस प्रकार के प्रिकॉशन लेना चाहिए

जवाब. हार्ट से संबंधित समस्याएं हमारी लाइफ स्टाइल और खानपान में बदलाव के चलते सामने आते हैं। हमें बुरी आदतों को सबसे पहले छोड़ना होगा जिसमें खानपान में फास्ट फूड, जंक फूड, ऑइली फूड का सेवन करने से बचना होगा वही धूम्रपान स्मोकिंग से भी दूरी बनानी होगी। हमारी लाइफ स्टाइल सीडेंटरी होने के चलते व्यायाम बहुत कम हो गया है जिसके चलते इस प्रकार की समस्याएं बढ़ रही है हमें रोजाना एक्सरसाइज और अपने पसंदीदा खेल खेलना चाहिए ताकि इस प्रकार की समस्याएं सामने ना आए। वही इस प्रकार की समस्याएं होने पर उसे नजरअंदाज करने के बजाय अपने डॉक्टर से सलाह लेकर इसका इलाज करवाएं।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है

जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से पूरी की उसके बाद एमडी मेडिसिन शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से कंप्लीट किया है। इसी के साथ एमजीएम मेडिकल कॉलेज से 1 साल का एसआरसीप कंप्लीट किया। वही मैंने सुपर स्पेशलाइजेशन डीएम कार्डियोलॉजी में जिपमर इंस्टीट्यूट पांडिचेरी से किया है। अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद मैं गुजरात के आनंद में स्थित करमसत मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी में अपनी सेवाएं दी। वहीं वर्तमान में मैं शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहा हूं।