कैंसर से लड़ाई में इम्यूनोथेरेपी शरीर की कोशिकाओं को बनाती अधिक मजबूत

Shivani Rathore
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कैंसर इम्यूनोथेरेपी, जिसे इम्यूनोथेरेपी भी कहा जाता है, कैंसर के इलाज में एक प्रमुख उपाय के रूप में साबित हो रही है। इस विशेष तकनीक के माध्यम से शरीर के खुद की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कैंसर के खिलाफ लड़ाई में शरीर की कोशिकाएं मजबूत होती हैं। इम्यूनोथेरेपी के जरिए, वैज्ञानिकों ने शरीर की इम्यून सिस्टम को ताकत देने का नया तरीका खोजा है। इस तकनीक में, शरीर के खुद के इम्यून सिस्टम को संशोधित किया जाता है ताकि वह कैंसर को मारने या नष्ट करने के लिए अधिक सक्रिय हो सके।

इम्यूनोथेरेपी के द्वारा विशेष रूप से कैंसर के खिलाफ लड़ाई में शरीर की कोशिकाओं को प्रेरित किया जाता है। इसमें कैंसर को नष्ट करने के लिए शरीर के अपने इम्यून सेल्स को ताकत दी जाती है ताकि वे कैंसर को खत्म कर सकें।

यह उपचार अक्सर उन मरीजों के लिए सुरक्षित साबित होता है जो अन्य इलाजों का प्रयोग करने के बाद भी ठीक नहीं होते हैं। कुछ मामलों में, इम्यूनोथेरेपी एक मजबूत प्रतिक्रिया पैदा करती है जो कैंसर को खत्म करने में मदद करती है। यह उपचार कुछ खास तरह के कैंसर, जैसे कि मेलेनोमा और लंबू कैंसर के इलाज में बहुत ही प्रभावी साबित होता है। इसके साथ ही, कुछ तरह के ब्लड कैंसर जैसे ल्यूकेमिया और लिंफोमा के उपचार के लिए भी इसका उपयोग होता है।

कैंसर इम्यूनोथेरेपी ने उम्मीद दिलाई है कि इसके माध्यम से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है, ताकि वह कैंसर के खिलाफ लड़ाई में अधिक प्रभावी हो सके। इस उपचार का इस्तेमाल सावधानी से होता है, क्योंकि कुछ मामलों में यह शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकता है और इससे संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, इस उपचार का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।