CM शिवराज के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी का तत्काल निलंबन, इस नियम के अंतर्गत की कार्यवाही

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मुख्यमंत्री के निर्देशों पर तत्काल अमल करते हुए संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद भीकनगांव जिला खरगोन मोहन सिंह अलावा और जिला शिक्षा अधिकारी जिला खरगोन के.के. डोंगरे का निलंबन आदेश जारी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज खरगोन में आयोजित कार्यक्रम में प्राप्त शिकायत के आधार पर वित्तीय अनियमितताओं के कारण मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद भीकनगांव और जिला शिक्षा अधिकारी खरगोन को निलंबित करने के निर्देश दिये थे।

के. के. डोंगरे, जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र खरगोन के पद पर पदस्थ है तथा जिला शिक्षा अधिकारी जिला खरगोन का अतिरिक्त प्रभार भी है। इनके द्वारा उक्त पदों पर पदस्थ रहते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले के समस्त विकासखंड हेतु आईईडी योजना अंतर्गत राज्य शिक्षा केन्द्र के पोर्टल पर प्रदर्शित चयनित सामग्री का क्रय डीपीसी को करना था।डोंगरे ने सामग्री परिवर्तन कर सामग्री की सूची एवं स्पेसीफिकेशन बदलकर उपयोगी सामग्री अनुपयोगी एवं अमानक स्तर की मनमाने ढंग से क्रय की गई है तथा जिसका सत्यापन राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी जिला स्तरीय समिति के द्वारा नहीं कराया गया । सामग्री क्रय करने में भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया।

स्कूलों के लिये खेल सामग्री क्रय करने में भी वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों प्राप्त हुई है जिसमें इनके द्वारा भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है । सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिले के 09 विकासखंडों अंतर्गत बीएसी एवं सीएसी जनशिक्षकों से राशि प्राप्त कर प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त नहीं की गई तथा पद पूर्ति में अवैध रूप से संबंधितों से राशि प्राप्त की गई । वर्ष 2021-22 में स्कूलों को प्रदाय खेल सामग्री विद्यालय की मरम्मत, रंगाई पुताई के लिये देय राशि के फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण कर भुगतान किया गया है। विकासखंड भगवानपुरा को शासकीय प्रक्रिया अपनाए बिना बीआरसी का प्रभार सौंपा गया है।

इसी तरह मोहनसिंह अलावा, प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद् भीकनगाँव जिला खरगोन द्वारा नगर परिषद् भीकनगाँव के खाते से ठेकेदार कम्पनी मेवाड़ा मेकेडम लिमिटेड महू जिला इन्दौर के भारतीय स्टेट बैंक में 19 लाख 6 हजार 869 रूपये का भुगतान किया गया। अलावा द्वारा प्रशासक एवं उपयंत्री के बिना संज्ञान में लाए एवं बगैर हस्ताक्षर कराए उक्त भुगतान कर दिया गया है। मोहनसिंह अलावा द्वारा प्रशासक के अधिकारों का अनुचित प्रयोग करते हुए नगर परिषद् की राशि भुगतान कर वित्तीय अनियमितता की गई है।

इस प्रकार के.के. डोंगरे और मोहनसिंह अलावा द्वारा पद पर पदस्थ रहते हुए उक्तानुसार वित्तीय अनियमितता के कृत्य किया जाना अशोभनीय होकर कदाचरण की श्रेणी में आते हैं। जिससे शासन की छवि धूमिल हुई है। दोंनो अधिकारियों को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 के तहत निलंबित किया गया है। के.के. डोंगरे का मुख्यालय कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण इन्दौर संभाग, इन्दौर में तथा मोहनसिंह अलावा का मुख्यालय जिला शहरी अभिकरण खरगोन नियत किया गया है। दोनों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी ।