आईआईएम इंदौर के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, अन्वेषण के पहले बैच का हुआ समापन

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14 राज्यों के 25 नगर निगम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम का हिस्सा रहे अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश (WASH: Water, Sanitation and Hygiene – जल, स्वच्छता और सफाई) पर केंद्रित आईआईएम इंदौर के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस- अन्वेषण की पहली बैच का समापन 3 अगस्त, 2023 को हुआ। चार दिवसीय कार्यक्रम में देश के 14 राज्यों के 25 नगर निगम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। अन्वेषण की इस पहली बैच ने अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता प्रथाओं में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध उन गतिशील अधिकारियों को एक साथ लाने के लिए एक मंच प्रदान किया, जो एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भारत बनाने के लिए समर्पित हैं।

बैच का उद्घाटन 31 जुलाई, 2023 को आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के नेतृत्व में विविध सत्र आयोजित किए गए। नेतृत्व और संचार, बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण, अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट से ऊर्जा का निर्माण, अपशिष्ट से बायो-मेथेनेशन और व्यवहार परिवर्तन, आदि विषयों पर भी चर्चा की गई। नीति परिदृश्य, हरित शहर, और अपशिष्ट संग्रहण में आधुनिक प्रौद्योगिकियों पर सत्रों ने प्रतिभागियों की सर्वोत्तम प्रथाओं और नवीन दृष्टिकोणों की समझ को समृद्ध किया। इस कार्यक्रम में निम्नलिखित वक्ता शामिल थे:


1. प्रो. हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर
2. माननीय महापौर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर
3. हर्षिका सिंह – इंदौर नगर निगम आयुक्त
4. निखिल जाधव – मुख्य अधिकारी, पंचगनी
5. राजेश नार्वेकर – आयुक्त, नवी मुंबई
6. शालिनी अग्रवाल – आयुक्त, सूरत
7. शंकर खंडारे – मुख्य अधिकारी, कराड
8. नादिया बोयार्किना – अपशिष्ट प्रबंधन सलाहकार, यूके
9. सौरभ मनुजा – टेक. सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
10. जय कुमार गौरव – वरिष्ठ सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
11. डॉ. भारत भूषण नागर – सीनियर टेक. सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
12. बेटिना दुरान – सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
13. सी एम साईंकांत वर्मा – आयुक्त, विशाखापत्तनम
14. सौमिल रंजन चैबे – मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य शहरी विकास अभिकरण, छत्तीसगढ़
15. मोहित गनेरीवाला – वरिष्ठ परिचालन अधिकारी, आईएफसी, दिल्ली
16. आस्था श्रीवास्तव – सीनियर एसोसिएट-ट्राइलीगल, दिल्ली
17. डेनिस ओबारकैनिन – परिचालन अधिकारी, आईएफसी, सिंगापुर
18. सौरव अग्रवाल, सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
19. प्रो. वेरोनिका, एसडीए बोकोनी
20. प्रो. श्रुति तिवारी, फैकल्टी, आईआईएम इंदौर
21. प्रो. डी. एल. सुंदर, फैकल्टी, आईआईएम इंदौर
22. प्रो. भाविन जे. शाह, फैकल्टी, आईआईएम इंदौर
23.प्रो.सौम्या रंजन दास, डीन – रिसर्च,आईआईएमआई 

समापन समारोह में प्रमाण पत्र वितरण हुआ। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने अन्वेषण के पहले बैच के प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, “कार्यक्रम के दौरान प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि का उपयोग अपने संबंधित शहरों में स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने के लिए करें, जिससे स्वच्छ भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान कर सकेंगे।” प्रो. राय ने आशावाद व्यक्त किया और उल्लेख किया कि इस पहली बैच के सफल समापन के साथ, आईआईएम इंदौर अब आने वाले कई बैचों के साथ इस परिवर्तनकारी यात्रा को जारी रखने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, “एक साथ मिलकर, हम सामूहिक रूप से एक हरित और स्वच्छ भारत के निर्माण की दिशा में काम करेंगे, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और हरित भविष्य को बढ़ावा मिलेगा।”

कुणाल कुमार, आईएएस, संयुक्त सचिव, मिशन निदेशक – स्मार्ट सिटीज मिशन, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) भारत सरकार ने भी वर्चुअल कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और आईआईएम इंदौर द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। उन्होंने पाठ्यक्रम की प्रतिभा पर अपना विश्वास व्यक्त किया और बताया कि कैसे यह निस्संदेह प्रतिभागियों को अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता प्रथाओं में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाएगा। उनकी सराहना के शब्दों ने प्रतिभागियों की प्रेरणा को बढ़ाया और एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत के निर्माण में उनके प्रयासों के महत्व को सुदृढ़ किया। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर का यह कार्यक्रम ज्ञान के दो-तरफा प्रवाह का एक माध्यम है, जिसके ज़रिए प्रशासन और शिक्षाविद एक साथ आते हैं और ऐसे समाधान लेकर आते हैं जो प्रभावशाली होते हैं। इस अवसर पर आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के उप सचिव श्याम लाल पूनिया, उप-सचिव, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, और बिनय कुमार झा, निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी, भी ऑनलाइन उपस्थित थे। उन्होंने अन्वेषण की स्थापना और प्रासंगिक पाठ्यक्रम को डिजाइन करने में निदेशक प्रो. हिमाँशु राय के नेतृत्व में संस्थान द्वारा किए गए प्रचुर प्रयासों की सराहना की।

प्रो. सौम्य रंजन दाश, डीन – प्रोग्राम्स, ने अन्वेषण के इस पहले बैच के प्रतिभागियों की प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं के लिए एक मजबूत नींव को बढ़ावा मिलेगा। प्रो. सुबिन सुधीर, चेयर- एग्जीक्यूटिव एजुकेशन ने प्रतिभागियों की कक्षा में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की, और एक हरित और स्वच्छ भारत के निर्माण में उनके योगदान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि क्षमता निर्माण के माध्यम से शिक्षा जगत राष्ट्र निर्माण में कैसे योगदान दे सकता है।

कार्यक्रम समन्वयक प्रो. श्रुति तिवारी ने कार्यक्रम के सफल समापन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने प्रतिभागियों के समर्पण और सक्रिय भागीदारी के लिए उनकी सराहना की और धन्यवाद ज्ञापन दिया।पहले दिन इंदौर नगर निगम का दौरा करने के अलावा, कार्यक्रम में कई सत्र भी हुए, जहां नगर निगम आयुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों ने चर्चाओं के दौरान अपनी सीख और अनुभवों को साझा किया। अन्वेषण के पहले बैच ने स्वच्छ, स्वस्थ और खुशहाल भारत को बढ़ावा देते हुए अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश में भविष्य के प्रयासों के लिए एक मजबूत मिसाल कायम की है। इस बैच के स्नातकों के ज़रिए आईआईएम इंदौर ज्ञान के आदान-प्रदान और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि करता है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) से 19.95 करोड़ रुपये के अनुदान प्राप्त करने वाला अन्वेषण भारत में स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता मानकों पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए तैयार है।