इंदौर। अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश (WASH: Water, Sanitation and Hygiene – जल, स्वच्छता और सफाई) पर केंद्रित आईआईएम इंदौर के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस- अन्वेषण की पहली बैच का समापन 3 अगस्त, 2023 को हुआ। चार दिवसीय कार्यक्रम में देश के 14 राज्यों के 25 नगर निगम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। अन्वेषण की इस पहली बैच ने अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता प्रथाओं में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध उन गतिशील अधिकारियों को एक साथ लाने के लिए एक मंच प्रदान किया, जो एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भारत बनाने के लिए समर्पित हैं। कार्यक्रम में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के नेतृत्व में विविध सत्र आयोजित किए गए। नेतृत्व और संचार, बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण, अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट से ऊर्जा का निर्माण, अपशिष्ट से बायो-मेथेनेशन और व्यवहार परिवर्तन, आदि विषयों पर भी चर्चा की गई। नीति परिदृश्य, हरित शहर, और अपशिष्ट संग्रहण में आधुनिक प्रौद्योगिकियों पर सत्रों ने प्रतिभागियों की सर्वोत्तम प्रथाओं और नवीन दृष्टिकोणों की समझ को समृद्ध किया। कार्यक्रम में प्रो. हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव,हर्षिका सिंह – इंदौर नगर निगम आयुक्त, निखिल जाधव – मुख्य अधिकारी, पंचगनी, राजेश नार्वेकर – आयुक्त, नवी मुंबई, शालिनी अग्रवाल – आयुक्त, सूरत और अन्य निगम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
समापन समारोह में प्रमाण पत्र वितरण हुआ। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने अन्वेषण के पहले बैच के प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, “कार्यक्रम के दौरान प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि का उपयोग अपने संबंधित शहरों में स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने के लिए करें, जिससे स्वच्छ भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान कर सकेंगे।
कुणाल कुमार, आईएएस, संयुक्त सचिव, मिशन निदेशक – स्मार्ट सिटीज मिशन, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) भारत सरकार ने भी वर्चुअल कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और आईआईएम इंदौर द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। इस अवसर पर आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के उप सचिव श्याम लाल पूनिया, उप-सचिव, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, और बिनय कुमार झा, निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी, भी ऑनलाइन उपस्थित थे। उन्होंने अन्वेषण की स्थापना और प्रासंगिक पाठ्यक्रम को डिजाइन करने में निदेशक प्रो. हिमाँशु राय के नेतृत्व में संस्थान द्वारा किए गए प्रचुर प्रयासों की सराहना की।इसी के साथ प्रो. सौम्य रंजन दाश, डीन – प्रोग्राम्स, प्रो. सुबिन सुधीर, चेयर- एग्जीक्यूटिव एजुकेशन और कार्यक्रम समन्वयक प्रो. श्रुति तिवारी ने कार्यक्रम की सराहना की।
पहले दिन इंदौर नगर निगम का दौरा करने के अलावा, कार्यक्रम में कई सत्र भी हुए, जहां नगर निगम आयुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों ने चर्चाओं के दौरान अपनी सीख और अनुभवों को साझा किया। अन्वेषण के पहले बैच ने स्वच्छ, स्वस्थ और खुशहाल भारत को बढ़ावा देते हुए अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश में भविष्य के प्रयासों के लिए एक मजबूत मिसाल कायम की है। इस बैच के स्नातकों के ज़रिए आईआईएम इंदौर ज्ञान के आदान-प्रदान और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि करता है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) से 19.95 करोड़ रुपये के अनुदान प्राप्त करने वाला अन्वेषण भारत में स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता मानकों पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए तैयार है।