IIM इंदौर ने नगर निगम आयुक्तों के लिए अपने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अन्वेषण में प्रोग्राम का सफल आयोजन

Suruchi
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आईआईएम इंदौर परिसर में 4-दिवसीय इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के 22 मुख्य नगर पालिका अधिकारी शामिल हुए
आईआईएम इंदौर ने वर्ष 2023 में नगर निगम आयुक्तों के लिए अपने सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस अन्वेषण में प्रोग्राम का सफल आयोजन किया था। इस सफलता के बाद, संस्थान ने अब मध्य प्रदेश के मुख्य नगर निगम अधिकारियों (सीएमओ) के लिए बैच का उद्घाटन करते हुए अन्वेषण के प्रोग्राम्स की राज्य-वार शुरुआत की है। इस बैच में 22 सीएमओ हैं। नए बैच का उद्घाटन 03 जनवरी, 2024 को आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय द्वारा किया गया।

इस अवसर पर प्रो. सुबीन सुधीर, चेयर-एग्जीक्यूटिव एजुकेशन; प्रो. श्रुति तिवारी, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर; और प्रो. अमित कुमार वत्स भी उपस्थित थे। यह प्रोग्राम एक रणनीतिक प्रगति का प्रतीक है, जो राज्य-स्तर पर नए सिरे से शुरू करते हुए, स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन और जल समस्याओं के समाधान खोजने, और स्वच्छता और सफाई की प्रथाओं को प्रेरित करने का प्रयास है।
अपने उद्घाटन भाषण में प्रो. राय ने कहा कि आने वाले वर्ष में आईआईएम इंदौर अन्य राज्यों के लिए भी ऐसे पाठ्यक्रम संचालित करेगा।

उन्होंने देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में इंदौर में जनभागीदारी के महत्व पर अपने विचार साझा किए। साथ ही उन्होंने विचारशील नेतृत्व के माध्यम से एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर चर्चा की और बताया कि हम जो उपदेश दें, नियम बनाएं, उनका स्वयं भी पालन और अभ्यास करें। उन्होंने प्रतिभागियों से अपने नगर निगमों को स्वच्छ शहरों की ओर ले जाने के लिए आवश्यक नेतृत्व शैलियों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “अपने अधीनस्थों की क्षमता और इच्छा समझें, और फिर तय करें कि आपकी नेतृत्व शैली कौनसी होगी।

अगर उनमें क्षमता और कार्य करने की इच्छा – दोनों हैं, तो आप मात्र निगरानी रखें। अगर उनमें क्षमता है किन्तु वे इच्छा नहीं रखते हैं, तो उनका काम स्वयं कर के दिखाएं। अगर उनमें क्षमता नहीं है किन्तु इच्छा है, तो उन्हें वह कार्य सिखाएं। और अगर उनमें क्षमता या इच्छा दोनों नहीं हैं, तो सख्ती से उनका मार्गदर्शन करें। टीम में पर्यावरण संबंधी जागरूकता को बढ़ावा देने के आधार पर विविध नेतृत्व शैलियों को अपनाएं।” ‘पंचामृत’ के संबंध में प्रधान मंत्री के COP26 संबोधन पर विचार करते हुए, प्रो. राय ने एक स्वच्छ राष्ट्र के प्रति सामूहिक कार्रवाई और साझा जिम्मेदारी पर चर्चा की।

उन्होंने आईआईएम इंदौर की प्रासंगिकता और पर्यावरणीय प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता, संस्थान के लोकाचार के साथ अन्वेषण की नींव को संरेखित किया। उन्होंने कहा, “अपशिष्ट प्रबंधन केवल मिशन नहीं बल्कि हमारे कर्तव्य हैं”, उन्होंने प्रतिभागियों को भविष्य की सभी बैच को लाभ पहुंचाने के लिए द्वि-पक्षी शिक्षा को लागू कर उससे सीखने, चर्चाओं में भाग लेने और ज्ञान साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. सुबीन सुधीर ने बैच का स्वागत किया और बताया कि अन्वेषण की शुरुआत एक स्वच्छ, स्वस्थ और खुशहाल राष्ट्र बनाने की आकांक्षा में निहित है।

कार्यक्रम के मूलभूत लक्ष्य पर जोर देते हुए, उन्होंने स्थायी शहरी प्रबंधन और राष्ट्रीय बेहतरी की दिशा में प्रतिभागियों को प्रोग्राम की रूपरेखा के बारे में बताया। प्रो. श्रुति तिवारी ने कहा कि आईआईएम इंदौर परिसर सिर्फ एक भौतिक स्थान नहीं है बल्कि सीखने का अनुभव है क्योंकि हम स्थिरता की पहलों और हरित गतिविधियों को लागू भी करते हैं। उन्होंने परिसर में स्वच्छता मानकों को बनाए रखने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता के बारे में बताया, जिससे प्रतिभागी सीख सकते हैं। ये सभी सीएमओ सागर, ग्वालियर, इंदौर, सतना, रीवा, उज्जैन, जबलपुर और भोपाल से हैं।

अगले तीन दिनों में होने वाले सत्रों में शहरी प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया जाएगा। प्रतिभागी आधुनिक दृष्टिकोणों से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की जटिलताओं को समझेंगे। स्मार्ट शहरों के लिए सर्कुलर इकोनॉमी रणनीतियों के साथ-साथ प्राचीन से लेकर समकालीन तक जल प्रबंधन तकनीकों पर भी चर्चा होगी। परियोजना प्रबंधन, स्थिरता के लिए वित्तीय प्रबंधन, ब्रांडिंग और सामुदायिक जुड़ाव, टीम निर्माण के तरीके, स्थिरता के वित्तपोषण के लिए ग्रीन बॉन्ड्स और अपशिष्ट पृथक्करण और स्वच्छ भारत मिशन 2.0 रोडमैप में सार्वजनिक भागीदारी पर भी चर्चा की जाएगी।

ये विषय शहरी प्रबंधन में महत्वपूर्ण होंगे, और अपशिष्ट कटौती, संसाधन अनुकूलन, सामुदायिक भागीदारी और वित्तीय स्थिरता जैसी प्रमुख चुनौतियों का समाधान करेंगे। इमर्सिव प्रोग्राम के तहत सभी प्रतिभागी इंदौर नगर निगम की यात्रा भी करेंगे जिससे अनुकरणीय शहरी अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल से प्रत्यक्ष सीखने का अनुभव प्राप्त होगा। स्थायी शहरी पहलों को उत्प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया यह चार दिवसीय प्रोग्राम इन अधिकारियों को नवीन अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं और शहरी स्वच्छता समाधानों के लिए एक सहयोगात्मक खोज में एकजुट करता है। आईआईएम इंदौर का अन्वेषण इन अधिकारियों को टिकाऊ शहरी पहल को और भी विकसित करने के लिए विविध दृष्टिकोण और व्यापक उपकरणों से लैस करेगा, जिससे एक स्वच्छ, हरित भविष्य के उद्देश्य से एक सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण होगा।