आईआईएम इंदौर का मिशन हैसामाजिक रूप से जागरूक रहनाऔर संस्थान हमेशा समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए उत्सुक रहाहै। इसी उद्देश्य के मद्देनज़र, आईआईएम इंदौर ने मध्य प्रदेश पुलिस के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि दोनों के बीच संबंधों को मजबूत किया जा सके और एक पारस्परिक शैक्षणिक-व्यवसायी सहयोग प्रणाली के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर एक बेहतर सुरक्षा वातावरण के विकास में योगदान दिया जा सके।
इसीएमओयू के तहत, आईआईएमइंदौर ने 16-18 मार्च, 2021को मध्य प्रदेश पुलिस अधिकारियों के लिए एक प्रबंधन विकास कार्यक्रम (Management Development Programme/MDP) का आयोजन किया। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों के डीआईजी, एआईजी, एसपी और कमांडेंट रैंक के 19 शीर्ष पुलिस अधिकारीशामिल हुए ।
कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने किया। इस मौके परप्रोफेसर मित वछराजानी, कार्यक्रम समन्वयक और संकाय, आईआईएम इंदौर और सभी पंजीकृत पुलिसअधिकारी भी उपस्थित रहे ।
पॉलो कोएल्हो द्वारा रचितअपनी पसंदीदा किताबों में से एक -‘द अलकेमिस्ट’के बारे में चर्चा करते हुए, प्रोफेसर राय ने कहा कि युवाअक्सरअपने सपनों को पूरा करने के लिए सभी कोशिशें करते हैं और उसे पाने से डरते नहीं हैं । लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ, लोग भयभीत होने लगते हैं ।हमारा दायित्व सिर्फ हमारी मंजिल प्राप्त करना होना चाहिए ।उन्होंने कहा कि पैसा पाने या खोने का डर और असफलता का डर हमें अपने सपनों को पूरा करने से रोकता है ।‘पैसा वही है जो पैसा करता है–इससेकुछ ज्यादा नहीं और कुछ कम नहीं। साथ हीगलती करने से आप असफल नहीं होते । आप असफल तब होते हैं जब आप असफल होने के भय से कुछ भी नया करने से डरते हैं’, उन्होंने कहा ।उन्होंने बताया कि यह एमडीपी प्रतिभागियों को बेहतरबातचीत और संघर्ष की बारीकियों को समझने में मदद करेगा; और उन्हें एक बेहतर वार्ताकार बनने में भीमदद करेगा जिससे वे दैनिक परिस्थितियों को बेहतर रूप से प्रबंधित कर सकें ।
तीन दिवसीय कार्यक्रम में संघर्ष प्रबंधन, व्यवहार मूल्यांकन, रचनात्मक समस्या समाधान और संगठनात्मक परिवर्तन से लेकर कई विभिन्न विषयों पर चर्चाकी गई। कार्यक्रममें आईआईएम इंदौर के कुशल संकाय सदस्यों द्वारा विभिन्न केस स्टडी, रीडिंग और कई इंटरैक्टिव सत्रआयोजित किए गए, जिन्होंने अधिकारियों को अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने में मदद की।
श्री मनोज राय, एआईजी, एसआईएसएफ, पुलिस मुख्यालय लाल परेड ग्राउंड, भोपाल ने कहा कि इसपाठ्यक्रम को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया था। ‘पुलिस अधिकारी दिन-प्रतिदिन विभिन्न संघर्षों का सामना करते हैं। इसकार्यक्रम ने हमें कानून और व्यवस्था, सांप्रदायिक स्थितियों और दुर्घटनाओं में संघर्ष के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय लेने के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की। हमने यह भी सीखा कि कैसे बेहतर तरीके से संवाद किया जाए जो जनता के अनुकूल हो, जिससे हमें नागरिकों का विश्वास भी प्राप्त हो सके’, उन्होंने बताया। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर के उत्कृष्ट संकाय सदस्यों और विशेषज्ञों के साथ ऐसे प्रबंधन कार्यक्रम हमें यह समझने में मदद करते हैं कि वास्तविक जीवन की स्थितियों में रणनीतिक और प्रबंधन सिद्धांतों को कैसे लागू किया जाए, समस्याओं को प्रभावी तरीके से कैसे हल किया जाए और हमारी सीखने की प्रक्रिया को भी कैसेबढ़ाया जाए।
सुश्री रूचि वर्धन मिश्रा, डीआईजी-प्रशासन, पुलिस मुख्यालय, जहांगीराबाद, भोपाल ने कहा कि कार्यक्रम ने अधिकारियों को बातचीत कौशल सीखने और संघर्ष से निपटने में मदद केऐसे तरीके सिखाए जिससे दोनों पक्षों को फायदा हो । ‘हम पुलिस अधिकारी समाज, मीडिया और संगठन के साथ विभिन्न संवादात्मक भूमिका में रहतेहैं। कार्यक्रम ने हमें विभिन्न रणनीतियों, मॉड्यूल और प्रबंधन सिद्धांतों की जानकारी दी और हमें यह जानने में मदद मिली कि समाज के हितधारकों के साथ बातचीत करते समय सिद्धांत और मॉडल कैसे लागू किए जा सकते हैं ‘, उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा इस तरह के कार्यक्रम वरिष्ठ अधिकारियों को उनके सीखने के कौशल को बढ़ाने और अपडेट रहने के अवसर प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम का समापन 18 मार्च, 2021 को हुआ जिसमें अधिकारियों को प्रमाण पत्र दिए गए । अधिकारियों ने आईआईएम इंदौर द्वारा आयोजित इस पाठ्यक्रम को सराहा और धन्यवाद दिया ।
आईआईएमइंदौर ने हाल ही में इंदौर पुलिस विभाग के पुलिस परिवार की महिलाओं और बेटियों के लिए एक वित्तीय साक्षरता कार्यशाला का भीआयोजन किया था । संस्थान भविष्य में कई और प्रशिक्षण सत्रों, कार्यशालाओं और सेमिनारों के आयोजन के लिए तत्पर है।