IIM इंदौर ने NCW के सहयोग से महिला सशक्तिकरण पर आयोजित किया कार्यक्रम

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Indore News : भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर ने राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली के सहयोग से एक कार्यक्रम “उत्थान और नेतृत्व: प्रौद्योगिकी, व्यवसाय और सार्वजनिक जीवन में अग्रणी युवा महिलाएं” (Rise and Lead: Young Women Pioneering Technology, Business, and Public Life) का आयोजन किया। यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए आईआईएम इंदौर के दृढ़ समर्पण का प्रतीक है। संस्थान पहले से महिलाओं के लिए फाइनेंशियल लिटरेसी वर्कशॉप सहित अन्य सशक्तिकरण कार्यक्रमों की पहल करता रहा है।

इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की दिग्गज वीमेन लीडर्स और एक्सपर्ट्स को शामिल किया गया। कार्यक्रम में एडवांस टेक्नोलॉजी और भविष्य के वर्कफोर्स के अवसरों से लेकर कॉर्पोरेट डोमेन में महिलाओं के नेतृत्व सहित कई विषयों पर तीन पैनल डिस्कशन में चर्चा हुई। कार्यक्रम ने युवा महिलाओं को टेक्नोलॉजी, बिज़नेस और पब्लिक लाइफ के भविष्य को आकार देने में उनकी क्षमता बढाने, परिदृश्य को समझने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम की शुरुआत आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय के मुख्य भाषण से हुई। प्रो. राय ने “राइज एंड लीड” विषय पर जोर दिया, जिसमें स्वयं की आकांक्षाओं को स्वीकारते हुए निडर होकर आगे बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा, “बचपन में, हम निडर होकर अपने सपनों का पीछा करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हम पर डर और बाधाएं थोप दी जाती हैं – और यह खासकर महिलाओं के लिए सत्य है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कोई अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके।”

उन्होंने महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और बाधाओं को संबोधित करते हुए सामाजिक गलतफहमियों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रो. राय ने कहा, “महिलाओं को अक्सर कहा जाता है कि उनकी उपलब्धियों का श्रेय दूसरों को दिया जाता है, जिससे उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है। हमें महिलाओं को अपने जुनून और महत्वाकांक्षाओं को पूरे दिल से आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।” उन्होंने महिलाओं से विपरीत परिस्थितियों में आत्म-प्रेम, लचीलापन और दृढ़ता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

एनसीडब्ल्यू की चेयरपर्सन सुश्री रेखा शर्मा ने उन सामाजिक मानदंडों पर प्रकाश डाला जो महिलाओं की स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमताओं को बाधित करते हैं। उन्होंने कहा, “बचपन से ही लड़कियों को नेतृत्व करने के बजाय अनुसरण करने की आदत दी जाती है। हमें हर क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए अपनी अंतर्निहित शक्ति को पहचानना और उसका उपयोग करना चाहिए।”

शर्मा ने परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में शिक्षा और सशक्तिकरण की चर्चा की और राजनीति और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। सुश्री शर्मा ने कहा, “हमें इस धारणा को दूर करने की जरूरत है कि राजनीति महिलाओं के लिए नहीं है। इस सकारात्मक बदलाव को लाने की अपनी क्षमता को अपनाना होगा। महिलाओं के पास प्रौद्योगिकी और एआई सहित सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए कौशल और क्षमताएं हैं।” उन्होंने महिलाओं से निर्णय लेने में सक्रिय रूप से शामिल होने और राष्ट्र-निर्माण प्रयासों में योगदान देने का आग्रह किया।

एनसीडब्ल्यू की सदस्य ममता कुमारी ने राजनीति और नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने युवा महिलाओं को भविष्य को आकार देने में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया, और एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जहां ग्लोबल वीमेन लीडर्स में 50 प्रतिशत भारतीय महिलाएं हों।

पहले पैनल डिस्कशन का विषय था “भविष्य के कार्यबल के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों में अवसर”। इसमें आईआईटी इंदौर से प्रो. अरुणा तिवारी, डॉ. अर्चना लखानी, साइंटिस्ट जी, सीएसआर, और स्मर्ग टेक्नोलॉजीज से सुश्री पूजा माहेश्वरी शामिल हुए। आईआईएम इंदौर से प्रो. श्रुति तिवारी ने यह पैनल मॉडरेट किया। इसमें तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में निरंतर कौशल उन्नयन के महत्व पर चर्चा की गई।

पैनलिस्टों ने शिक्षा और कौशल विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए केवल अच्छे मार्क्स और नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करने की आदत छोड़ कर आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए महिलाओं के लिए समय प्रबंधन और एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत एक स्वतंत्र क्वांटम मिशन कार्यक्रम के साथ सातवां राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है, ऐसे में युवाओं के लिए कौशल बढ़ाने और प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व प्रगति में योगदान करने के अपार अवसर हैं।