IIM इंदौर ने मनाया अपना 27वां स्थापना दिवस

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– आईआईएम इंदौर हिंदी भाषा में नए पाठ्यक्रम की करेगा शुरुआत, पहला बैच जनवरी 2024 में शुरू होगी
– संस्थान अपने करियर को फिर से शुरू करने की इच्छुक महिलाओं के लिए विशेष पाठ्यक्रम भी करेगा शुरू
– जी8 परियोजना से होगा संस्थान के बुनियादी ढांचे का विस्तार और संवर्धन

भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने 03 अक्टूबर, 2023 को अपना 27वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह से मनाया। कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने किया। अपने स्थापना दिवस संबोधन में, प्रो. राय ने तीन महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं जो संस्कृति के पोषण, सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने और नवाचार को बढ़ाने के लिए आईआईएम इंदौर की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। हिंदी में नए आगामी एमडीपी पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा, “हमने हमेशा अपनी संस्कृति को महत्व दिया है। संस्थान में संस्कृत, तमिल और ओडिया के लिए भी नि:शुल्क कार्यशालाएं आयोजित हो रही हैं और ये प्रयास इस प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। दुनिया अक्सर प्रबंधन और एमबीए कार्यक्रमों का सञ्चालन अंग्रेजी भाषा में भी संभव मानती है, लेकिन आईआईएम इंदौर अब इस रुढ़िवादी धारणा को तोड़ते हुए हिंदी में प्रबंधन विकास कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है”। ये कार्यक्रम, अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों, हिंदी भाषा के प्रयोग को प्रोत्साहित करने का काम करेंगे और इस क्षेत्र में एक अनुकरणीय मानदंड स्थापित करते हुए सभी के लिए शिक्षा में योगदान देंगे। प्रथम बैच दो सप्ताह के सामान्य प्रबंधन कार्यक्रम के साथ जनवरी 2024 में प्रारंभ होगी।

प्रो. राय ने बताया कि संस्थान महिलाओं को उनकी पेशेवर यात्राओं में समर्थन और उत्थान में मदद करने सदा से तत्पर रहा है। इसी उद्देश्य से अब हम उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए पाठ्यक्रमों की पेशकश करने की योजना बना रहे हैं, जिन्हें अस्थायी रूप से किसी कारण से अपने करियर को बीच में रोकना पड़ा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) के सहयोग से, संस्थान अगले पांच वर्षों में सौ महिला उद्यमियों की सहायता करने की भी योजना बना रहा है। मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और गुजरात के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के इन उद्यमियों को अपने सूक्ष्म उद्यमों को संपन्न उद्यमों में बदलने के लिए व्यापक समर्थन और मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

उन्होंने इन्क्यूबेशन फाउंडेशन के लिए धन जुटाने की योजना की घोषणा के साथ नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। यह पहल नवोदित उद्यमियों को महत्वपूर्ण प्रारंभिक वित्त पोषण प्रदान करेगी, जिससे उनके नए विचारों के कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। इसके अलावा, इस पहल का उद्देश्य इंदौर और पूरे देश में स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करते हुए छात्रों के बीच उद्यमिता की संस्कृति विकसित करना है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संस्थान की जी8 परियोजना प्रगति पर है और जल्द ही आईआईएम इंदौर में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के मामले में विस्तार होगा। “यह महत्वाकांक्षी विस्तार योजना उत्कृष्टता की ओर हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील कप पत्थर सिद्ध होगी। अत्याधुनिक शैक्षणिक भवनों और बहुमंजिला छात्रावासों के निर्माण से हम 870 विद्यार्थियों के रहने की जगह का निर्माण करेंगे। इसमें फैकल्टी ब्लॉक्स और स्टाफ ब्लॉक्स भी शामिल होंगे, उन्होंने कहा।

 

प्रो. राय ने संस्थान के मूल मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए कहा कि “प्रत्येक बीतता दिन हमें अपनी यात्रा, हमारी वर्तमान स्थिति और हमारी भविष्य की आकांक्षाओं पर विचार करने का अवसर प्रदान करता है। सफलता कभी अंतिम नहीं होती; सुधार की हमेशा गुंजाइश होती है और निरंतर सुधार ही सफलता और प्रगति का प्रतीक है। हम उसी निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं”, उन्होंने कहा।

इस अवसर पर उन शिक्षकों को भी सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार प्रदान किए गए जिन्होंने अपनी भूमिकाओं के विभिन्न पहलुओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। प्राप्तकर्ताओं के चयन के मानदंडों में शिक्षण प्रतिक्रिया, नए पाठ्यक्रमों का विकास, नवीन शिक्षण शिक्षाशास्त्र और व्यावहारिकता शामिल थे। इस वर्ष, ये पुरस्कार प्रो. जतिन पांडे और प्रो. सायंतन बनर्जी को प्रदान किया गया, जिन्हें एक प्रशस्ति पत्र और 1 लाख रूपए का पुरस्कार मिला।
समर्पित स्टाफ सदस्यों को भी सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार पाने वालों में श्री मानस परिहार, श्री शशिकांत जाटवा और सुश्री नेहा गुप्ता शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, छात्रों से सबसे अधिक सकारात्मक फीडबैक प्राप्त करने वाले शीर्ष पांच प्रतिशत फैकल्टी सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। इनके नाम इस प्रकार हैं:
1. प्रो. जतिन पांडे
2. प्रो. मनोज मोतियानी
3. प्रो. हर्षल लोवलेकर
4. प्रो. भाविन जे शाह
5. प्रो. संजीव त्रिपाठी
6. प्रो. मीत वछराजानी

कर्मचारियों की प्रतिबद्धता और समर्पण का सम्मान करने के लिए, आईआईएम इंदौर ने उन लोगों को 10 वर्षों से सेवारत (42 कर्मचारी), 20 वर्षों से सेवारत (2 कर्मचारी) और 25 वर्षों से सेवारत (7 कर्मचारी) कर्मचारियों को भी सम्मानित किया।

इस अवसर पर स्वर्गीय आद्या प्रभा छात्रवृत्ति, बी अदिति सिंह (आईपीएम 2019-24) को उनकी अनुपस्थिति में प्रदान की गई। अदिति इस समय फ्रांस में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम में भाग ले रही हैं। यह छात्रवृत्ति उन्हें आईआईएम इंदौर की छात्रा स्वर्गीय आद्या प्रभा की स्मृति में आईपीएम के चौथे वर्ष में उच्चतम सीजीपीए हासिल करने के लिए दी गई।