गोवा में हुई आईएफएफआई 2023 की शानदार शुरुआत, उद्घाटन समारोह में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर

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भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 54वें संस्करण में लाइट, एक्शन और फिल्मों ने देश और दुनिया भर से मशहूर हस्तियों, फिल्म फैटरनिटी और सिनेप्रेमियों के स्वागत के लिए रेड कारपेट बिछाया। आईएफएफआई इस साल 105 देशों से 2926 फिल्मों की भारी भरकम सबमिशन के साथ ग्लोबल फेस्टिवल सर्किट पर एक लोकप्रिय फिल्मएनबी2क्यू फेस्टिवल के रूप में उभरा है, इसमें पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक इंटरनेशनल एंट्रियां शामिल हैं।

डेलिगेट्स 270 से अधिक फिल्मों, 13 वर्ल्ड, 18 इंटरनेशनल, 62 एशियाई और 89 इंडियन प्रीमियर के क्यूरेटेड सिलेक्शन में शामिल हो सकते हैं। 15 फीचर फिल्में (12 इंटरनेशनल और तीन भारतीय फिल्में) प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक अवॉर्ड के लिए और 15 ओटीटी प्लेटफार्मों से 32 एंट्री सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) अवॉर्ड के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।

ग्रैंड ओपनिंग
हर साल, ओपनिंग सेरेमनी फिल्म फैटरनिटी के सितारों की मौजूदगी के साथ बड़ी होता जा रही है। भारत को ग्लोबल फिल्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने की सरकार की पहल पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत में बड़े बजट की इंटरनेशनल फिल्म प्रोडक्शन को आमंत्रित करने के लिए विशेष इंसेंटिव की घोषणा की।

विदेशी फिल्म प्रोडक्शन के लिए इंसेंटिव 30% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। देश में विदेशी फिल्म प्रोडक्शन के लिए इंसेंटिव आज से किए गए खर्च का 40% हो गई है, इसके साथ ही कैप लिमिट 30 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है (3.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) और महत्वपूर्ण भारतीय कंटेंट (एसआईसी) के लिए अतिरिक्त 5% प्रतिशत बोनस दिया जाएगा। यह कदम देश में मध्यम और बड़े बजट की इंटरनेशनल फिल्म प्रोजेक्ट्स को आकर्षित करने के भारत के प्रयासों को और गति देगा।

भारत द्वारा पिछले साल कान्स में विदेशी फिल्मों के प्रोडक्शन के लिए इंसेंटिव स्कीम्स की घोषणा की गई थी, जिसमें देश में फिल्म निर्माण के लिए किए गए खर्च का 30% तक की रिम्बर्समेंट की पेशकश की गई थी, जिसकी लिमिट 2.5 करोड़ रुपए तक थी।

गोवा में घोषणा करते हुए, श्री ठाकुर ने कहा, “फिल्म प्रोडक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए यह बदलाव कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए भारत की प्रतिबद्धता और समर्थन के प्रमाण के रूप में कार्य करता है और सिनेमेटिक कामों के लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करता है”।

इंटरनेशनल प्रोडक्शन जिन्हें 01.04.2022 के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय (केवल डॉक्यूमेंट्री के लिए) द्वारा शूटिंग की अनुमति दी गई है, वे इस इंसेंटिव स्कीम के लिए पात्र होंगे। इंसेंटिव को दो स्टेज में प्रदान किया जाएगा यानी अंतरिम और फाइनल। भारत में प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद फाइनल डिस्बर्समेंट क्लेम किया जा सकता है। इंसेंटिव एक स्पेशल इंसेंटिव वैल्यूएशन कमेटी की सिफारिश पर प्रदान किया जाएगा।

नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएफडीसी) के तहत स्थापित फिल्म फैसिलिटेशन ऑफिस (एफएफओ) इस इंसेंटिव स्कीम को क्रियान्वित कर रहा है। एफएफओ सिंगल विंडो फैसिलिटेशन और क्लीयरेंस मैकेनिज्म के रूप में कार्य करता है जो भारत में फिल्मांकन को आसान बनाता है, साथ ही एक फिल्म-फ्रेंडली इकोसिस्टम बनाने और देश को फिल्मिंग डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

इंडियन सिनेमा के फैक्ट्स और अचीवमेंट के साथ, मंत्रीजी का भाषण फिल्मों के किस्सों से भरपूर था और उसमें बताया गया कि फिल्में कैसे फिल्म संस्कृति को प्रभावित करती हैं। उन्होंने आनंद नाम की फिल्म के डायलॉग ‘बाबूमोशाय, जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं’ का हवाला देते हुए कहा कि आईएफएफआई एक ऐसा सिनेमेटिक एक्सपीरियंस प्रदान करता है जो छोटा नहीं बल्कि भव्य होता है।

समाज पर सिनेमा के प्रभाव को लेकर उन्होंने कहा कि जैसे 1902 में बनी फिल्म ‘ए ट्रिप इन द मून’ ने साहसपूर्वक अंतरिक्ष यात्रा के विचार का सुझाव दिया और भारत ने इस साल चंद्रमा पर चंद्रयान -3 मिशन के साथ अपने सपने को साकार किया। उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि कैसे एक फिल्म के दौरान जिस विचार की कल्पना की जा सकती थी, लेकिन समय के साथ सरकार उस तरफ सोचना शुरू कर देती है।”

54वें एडिशन में पहली बार हुई कई बातों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने महोत्सव में 40 महिला फिल्ममेकर पर ध्यान केंद्रित करने का उल्लेख किया। उन्होंने 75 क्रिएटिव माइंड्स पहल के बारे में विस्तार से बताया, जिसे इस वर्ष देश भर से 600 एंट्रिया प्राप्त हुईं। क्रिएटिव फैटरनिटी की इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी की रक्षा के लिए, उन्होंने हालिया सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक 2023 का उल्लेख किया, जिसने कानूनी ढांचे को व्यापक बनाया, सेंसरशिप से परे फोकस किया और पाइरेसी के खिलाफ जोरदार उपाय भी पेश किए।

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने सभी प्रतिनिधियों का गोवा के खूबसूरत समुद्री तट और शांत आंतरिक क्षेत्र में सभी स्वागत किया। उन्होंने’ सिनेमा को सीमाओं से परे एक सार्वभौमिक भाषा के रूप में बोलते हुए कहा कि, ‘यह दिलों को एकजुट करती है, कई भावनाओं को पैदा करती है और हमारे सपने, संघर्ष और आकांक्षाओं को दर्शाती है। उन्होंने कहा, ‘यह बदलाव के लिए एक कैटलिस्ट के रूप में भी काम करती है जो हमें बेहतर दुनिया के लिए सवाल उठाने और आकांक्षा करने के लिए प्रेरित करता है।’ फिल्म को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा ने राज्य में प्रस्तावित फिल्म सिटी के लिए गहरी रुचि दिखाई है।

महोत्सव के इतिहास में पहली बार सुपरस्टार माधुरी दीक्षित को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए विशेष सम्मान दिया गया। मंच पर अपनी यादें साझा करते हुए, उन्होंने राजश्री प्रोडक्शन के अबोध के लिए अपने पहले ऑडिशन को याद किया।

उद्घाटन समारोह में करण जौहर, विजय सेतुपति, दिव्या दत्ता, जिशु सेनगुप्ता मौजूद थे।

इसके अतिरिक्त, बॉलीवुड सितारे शाहिद कपूर, श्रिया सरन, नुसरत भरूचा, सारा अली खान, पंकज त्रिपाठी, शांतनु मोइत्रा, श्रेया घोषाल और सुखविंदर सिंह ने भारत की सर्वश्रेष्ठ टैलेंट के शानदार प्रदर्शन में योगदान दिया। हॉलीवुड सुपरस्टार कैथरीन ज़ेटा-जोन्स, सलमान खान, विद्या बालन, आयुष्मान खुराना, विक्की कौशल, रानी मुखर्जी, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अदिति राव हैदरी, एआर रहमान और अमित त्रिवेदी की सम्मानजनक उपस्थिति के साथ पूरे महोत्सव में सितारे उतरते रहेंगे।