धर्मेंद्र पैगवार
दोस्तों कोरोना का संक्रमण पिछले मार्च-अप्रैल से ज्यादा फैल रहा है। अभी हम सिर्फ भोपाल की बात करें तो यहां की सभी अस्पतालों में अब पलंग नहीं बचे हैं। भोपाल में ही लगातार 350 से ज्यादा मरीज हर रोज मिल रहे हैं। सरकार ने पहले जिन प्राइवेट अस्पतालों में व्यवस्था की थी उनमें से सिर्फ चिरायु को ही कोविड अस्पताल घोषित किया है। उसमें भी सिर्फ 400 पलंग है जो पूरी तरह भर चुके हैं।
बाकी हमीदिया जेपी एम्स और टीवी अस्पताल में कोरोना का इलाज हो रहा है। इन अस्पतालों में भी जगह खाली नहीं है। प्रदेश सरकार किसी भी प्राइवेट अस्पताल को कोरोना मरीज के लिए डेढ़ लाख रुपए देती है। आप अंदाज लगा सकते हैं कि यदि 1 दिन में सिर्फ 300 मरीज ही मिले तो सरकार को 4: 50 करोड़ रुपए एक दिन में देने हैं। सरकार की अपनी सीमा है।
ऎसे में जब सभी सरकारी अस्पताल और प्राइवेट कोविड अस्पताल फुल हो चुके हैं, तब आपको प्राइवेट अस्पतालों में ही इलाज कराना है। किसी भी अस्पताल में कोरोना का इलाज 20 हजार रुपए प्रतिदिन से हो रहा है। जिनके पास पैसा नहीं है वह होम आइसोलेशन में है। होम आइसोलेशन बहुत खतरनाक है बहुत ज्यादा रिस्क है। कभी भी संक्रमण आपके फेफड़े में पहुंच सकता है और ऑक्सीजन लेवल डाउन हो सकता है। इसके बाद आपकी हालत क्या होगी, यह भगवान जानता है।
चूंकि ईश्वर की कृपा से मेरा सोशल नेटवर्क अच्छा खासा है, इस कारण हर रोज 4 से 5 परिचितों को किसी अस्पताल में भर्ती कराने के फोन आ रहे हैं। जो कुछ लिखा है यह व्यवहारिक अनुभव पर है। लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी में देख रहा हूं बाकी मित्र किसी संकट में नहीं आए इसलिए आपको सचेत कर रहा हूं कि मास्क पहने, सोशल डिस्टेंस का पालन करें और बहुत जरूरी होने पर ही भीड़ वाली जगह पर जाएं।