अगर आप भी है धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली की तिथियों में कन्फ्यूज, तो पढ़े ये खबर

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दिवाली हिन्दू धर्म का सबसे प्रमुख त्योहार में से एक है। इस त्योहार को सभी लोग बड़े ही धूमधाम से मानते है। ये त्यौहार 5 दिन तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और इसे भाई दूज तक मनाया जाता है। इस त्योहार को अंधकार पर प्रकाश की विजय का त्योहार माना जाता है। क्योंकि दिवाली के दिन ही श्रीराम अयोध्या लौटे थे। तब पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया गया था।

इस बार धनतेरस 13 नवंबर को है यानी 13 से दिवाली का त्यौहार शुरू हो जाएगा। इस दिन से ही पूजा पाठ शुरू हो जाएंगे। लेकिन इस बार दिवाली, धातेरस और नरक चतुर्दर्शी को लेकर लोग काफी ज्यादा असमंजस में है। वह तिथियों को लेकर भी सोच में है तो आज हम आप सभी का कन्फ्यूजन क्लियर करने वाले है। जी हां, आज हम आपको तिथि और तारीख बताने जा रहे है जिसकी मदद से आपका कन्फ्यूजन दूर हो जाएगा। तो चलिए जानते है –

धनतरेस – धनतेरस यानी कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 12 नवंबर को रात 9 बजकर 30 मिनट से हो जाएगी। जो की 13 नवंबर की शाम 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। वहीं उदया तिथि 13 नवंबर को ही मानी जाएगी। जिसकी वजह से धनतेरस भी 13 नवंबर को ही मनाया जाएगा। आपको बता दे, उदया तिथि में ही प्रदोष व्रत भी फलदायी सिद्ध होगा।

नरक चतुर्दशी – छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी इस बार 14 नवंबर को है। बता दे, कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 59 मिनट से लग रही हैं ये चतुर्दर्शी अगले दिन यानी 14 नवंबर को दिन में 2 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। वहीं ऐसे में उदया तिथि 14 नवंबर को ही है। मतलब 14 नवंबर को ही नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी।

दिवाली – हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्योहार इस बार 14 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा। बता दे, अमावस्या 14 नवंबर से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से अगले दिन 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। ऐसे में दिवाली का त्योहार अमावस्या तिथि की रात्रि और लक्ष्मी पूजन अमावस्या की शाम को होता है। जिसकी वजह से14 नवंबर को ही मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाएगी। पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजे से 7 बजे तक है।