नई दिल्ली। कुछ दिनों से पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अपने बयानों को लेकर काफी चर्चित है। जिसके शनिवार को महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि, वह जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (DDC) चुनावों में बीजेपी के अलावा अन्य राजनीतिक दलों की हिस्सेदारी को ‘बाधित’ कर रहा है।
वही, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी सहित घाटी की प्रमुख पार्टियों ने आरोप लगाया है कि, चुनावों मे सबको समान मौका नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि, प्रशासन उनके उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने की अनुमति नहीं दे रहा है और उन्हें घरों में नजरबंद कर रहा है।
पीडीपी प्रमुख ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “भारत सरकार डीडीसी चुनावों में गैर-बीजेपी दलों की हिस्सेदारी को बाधित कर रहा है। पर्याप्त सुरक्षा होने के बावजूद पीडीपी नेता बशीर अहमद को सुरक्षा के नाम पर पहलगाम में रोक लिया गया। आज नामांकन का अंतिम दिन है और उनकी रिहाई के लिए डीसी अनंतनाग से बात की है।”
I was stopped from visiting Rambiara Nalla today by local admin. This is where sand extraction through illegal tenders has been outsourced to outsiders & locals are barred from the area.Our land & resources are being plundered by GOI that has nothing but contempt for us pic.twitter.com/dF7KnZqMG0
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 21, 2020
साथ ही उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि, “मुझे स्थानीय प्रशासन द्वारा आज रामबैरा नाला पर जाने से रोक दिया गया। यह वह जगह है, जहां अवैध तरीके से बाहरी लोगों के लिए रेत का अवैध खनन होता है और स्थानीय लोगों को क्षेत्र से रोक दिया जाता है। हमारी भूमि और संसाधनों को भारत सरकार द्वारा लूटा जा रहा है, जिसमें हमारे लिए अवमानना के अलावा कुछ नहीं है।”
वही, पुलिस ने कहा है कि, उम्मीदवारों को सामूहिक सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है और सुरक्षित क्षेत्रों में रखा गया है, क्योंकि हर उम्मीदवार को सुरक्षा दे पाना कठिन है। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि, उम्मीदवारों को दोहरी सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है। सुरक्षा बल उस क्षेत्र की भी सुरक्षा करते हैं, जहां वे प्रचार करने के लिए जाना चाहते हैं।
Jammu & Kashmir: Peoples Alliance of Gupkar Declaration (PAGD) writes to Election Commissioner KK Sharma, alleging that PAGD candidates in DDC polls are being confined in name of security. "Security should not be used as an excuse to interfere in democratic process," it says. pic.twitter.com/zNx8Hx7uJJ
— ANI (@ANI) November 21, 2020