इंदौर। मैं एक सामान्य किसान परिवार से हूं। जब मैने 2017 में आईपीएस कॉलेज में एडमिशन लिया तो, यह पाया कि कॉलेज में एनएसयूआई और एबीवीपी दो छात्र राजनीतिक दल अपने संगठन का कार्य कर अपने और अपने संगठन का नाम बनाने में लगे थे. उस समय कॉलेज में स्टूडेंट्स के साथ लेट फीस, एग्जाम और कई प्रकार की अन्य समस्या देखने को आती थी। मैने उस दौरान छात्र राजनीति को जाना और यह तय किया की क्यूं ना में भी छात्र राजनीति में आकर छात्रों के हित में कार्य करूं. इसके बाद फर्स्ट ईयर से ही मैने भी छात्रों की समस्या और मुद्दों पर आवाज़ उठाना शुरू की। उस वक्त मन में छात्र नेता बनने का लालच या शौक नहीं था, केवल मन में एक संकल्प था कि निस्वार्थ भाव से छात्रों की मदद करूंगा। और आज यह उन्हीं के प्यार का परिणाम हैं कि में आज इस मुकाम पर हूं, यह बात शहर के साथ साथ प्रदेश और देश में छात्र नेता के रूप में तेजी से उभरने वाले छात्र शक्ति संगठन के अध्यक्ष रवि चौधरी ने कही।
सवाल.छात्र राजनीति के सिवा और क्या आपके लिए महत्वपूर्ण हैं
जवाब.में एक सरल और साधारण व्यक्ति हूं, अगर कोई मुझे नीचे बिठाएगा तो में नीचे बैठ जाऊंगा। में एक साधारण किसान परिवार का लड़का हूं। धर्म मेरे लिए सर्वोपरि हैं, में किसी भी स्कूल कॉलेज में प्रबंधन के द्वारा तिलक या अन्य धार्मिक मसलों को लेकर बात आती हैं तो में हमेशा वहां खड़ा रहता हूं। अगर कोई तिलक लगाता हैं तो, प्रबंधन को कोई समस्या नहीं होना चाहिए, यह उनकी आस्था है। वहीं छात्र राजनीति के अलावा में समाज सेवा भी करता हूं। मेरे जीवन का यह भी एक सिद्धांत हैं, कि में अपनी कमाई का 10 प्रतिशत गरीबों में बांटता हूं, जिसमें गरीबों को कपड़े, भोजन और अन्य समस्या आने पर उनकी मदद करता हूं। मेरे जीवन का एक उद्देश्य है की निस्वार्थ भाव से एक अच्छा लीडर बनकर समाज सेवा करना हैं।
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सवाल. छात्रों की मदद के बाद छात्र अध्यक्ष पद तक का सफर कैसे तय हुआ
जवाब.छात्रों की मदद करते करते लगभग 1 साल बीत चुका था, अगले साल 18 -19 में कॉलेज में अध्यक्ष पद पर चुनाव हुए.सबका सपना था कि में एनएसयूआई से चुनाव लड़कर अध्यक्ष बनूं, मैने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और बहुमत से अध्यक्ष पद के लिए चुना गया। इसके बाद छात्र राजनीति का सफर और तेजी से बढ़ने लगा, मुझे कॉलेज के अलावा अन्य कॉलेज के स्टूडेंट्स की समस्याओं के संबंध में कॉल आने लगे. मैने ग्रेजुएशन के बाद एमबीए की पढ़ाई आईपीएस कॉलेज से पूरी की. इस दौरान मेरी छात्रों की समस्या के समाधान के लिए कॉलेज और स्कूल प्रबंधन से कई बार तीखी नोक झोंक हुई। कई बार लेट फीस में पेनल्टी, स्कॉलरशिप और अन्य समस्याओं में स्टूडेंट्स के लिए लड़ने लगा। धीरे धीरे लोग जुड़ते गए।में लगातार अध्यक्ष पद के लिए चुनता गया। अध्यक्ष पद पर कॉलेज में मेरा सबसे लंबा कार्यकाल रहा। मेरे मन में किसी पद लोभ लालच नहीं रहा, में बिना पद के भी हमेशा छात्रों के हित में खड़ा रहता हूं।
सवाल.छात्र राजनीति को लेकर आपके क्या सिद्धांत रहे, जो आपने कभी नहीं तोड़े
सवाल. छात्र राजनीति के मेरे अपने सिद्धांत हैं. में कभी भी, कहीं भी किसी से ग्रुप या पार्टी की बात नहीं करता। मेरे लिए सारे स्टूडेंट्स मेरा परिवार है। आज में जो भी हूं यह सब छात्रों की देन हैं। यह सब उनका प्यार हैं, जो आज मुझे उनके लिए कुछ भी कर गुजर जाने की हिम्मत देता हैं। हमने एक छात्र शक्ति संगठन ग्रुप बनाया हैं, जिसमें आज शहर के साथ साथ प्रदेश और देशभर से लाखों छात्र मुझसे जुड़ गए हैं। आज देश के हर कोने से हमारे संगठन में लोग शामिल हैं। वहीं मध्य प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा मेंबर है।
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सवाल. जब आप छात्रों के लिए प्रदर्शन करते हैं तो कोई दबाव की स्थिति बनती हैं
जवाब.में कभी किसी राजनेता या किसी अधिकारी के दबाव में नहीं आता हूं। में हमेशा से ही बेबाक छवि का इंसान रहा हूं, कई बार हम जब अपने हक की बात उठाते हैं तो बात थानों तक चली जाती हैं. लेकिन इसके बावजूद मेरे हौंसले कम नहीं होते हैं। मैने जीवन में कभी भी समझौते की राजनीति नहीं की है, और ना करूंगा। में गुरुओं का आदर करता हूं, लेकिन जब बात छात्र हित की आती हैं तो में छात्रों के साथ खड़ा रहता हूं। कई बार शिक्षकों और प्रबंधन का दुर्व्यवहार हमारे साथ भी रहा है, तो में उस समस्या से भली भांति परिचित हूं। यह छात्र देश का भविष्य हैं, इन्हें समस्या होने से इनकी पढ़ाई पर असर पड़ता हैं जो कि सही नही हैं। में इनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहता हूं, स्टूडेंट्स मुझे किसी भी माध्यम से संपर्क करते हैं, तो में उनकी मदद को हाजिर रहता हूं।सोशल मीडिया की अगर बात की जाए तो मेरे साढ़े चार लाख से ज्यादा फॉलोअर इंस्टाग्राम, 2 लाख फेसबुक पर और 3 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर यूट्यूब पर हैं।