UPPSC Student Protest: कैसे निकलेगा बीच का रास्ता, UPPSC अभ्यर्थियों से बातचीत रही बेनतीजा, छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी

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UPPSC Student Protest : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षाओं को दो दिन में आयोजित करने के फैसले के खिलाफ अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को हुए इस विरोध के दौरान, छात्र बैरिकेटिंग तोड़ते हुए यूपीपीएससी के मुख्यालय तक पहुँच गए। पुलिस को उन्हें खदेड़ने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा, लेकिन छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।

UPPSC Student Protest : प्रमुख मांगें

अभ्यर्थियों का विरोध इस बात को लेकर है कि यूपीपीएससी ने परीक्षा को दो दिन और कई पालियों में आयोजित करने का निर्णय लिया है। छात्रों का कहना है कि यह निर्णय उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि वे नहीं चाहते कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन (Normalization) फॉर्मूला लागू किया जाए। यह फॉर्मूला उनके अंक का मूल्यांकन करते समय एक अतिरिक्त चरण में समान्यीकरण की प्रक्रिया का इस्तेमाल करता है, जिसे छात्रों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि परीक्षा को एक दिन और एक शिफ्ट में आयोजित किया जाना चाहिए, जिससे इस फॉर्मूले का असर न हो।

UPPSC Student Protest : पहले भी हुआ था विरोध

इससे पहले, 21 अक्टूबर को भी छात्रों ने यूपीपीएससी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। तब भी छात्रों ने ‘नो नॉर्मलाइजेशन’ और ‘एक दिन, एक शिफ्ट’ की मांग की थी। छात्रों ने सोशल मीडिया पर ‘#UPPSC_ROARO_OneShift’ हैशटैग के साथ एक अभियान चलाया, जिसे लाखों छात्रों ने समर्थन दिया। वे मानते हैं कि कई पालियों में परीक्षा होने से उन्हें नॉर्मलाइजेशन के कारण नुकसान होगा।

UPPSC Student Protest : परीक्षा का कार्यक्रम

यूपीपीएससी ने हाल ही में पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के नए कार्यक्रम की घोषणा की है। पीसीएस परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को होगी, जबकि आरओ-एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। इन परीक्षाओं में एक से अधिक शिफ्टों में परीक्षा होगी, और नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।

UPPSC Student Protest : नॉर्मलाइजेशन क्या है?

नॉर्मलाइजेशन एक गणना प्रक्रिया है, जिसके तहत विभिन्न शिफ्टों में परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के अंकों को समान्यीकरण के माध्यम से एकीकृत किया जाता है। इसका उद्देश्य विभिन्न शिफ्टों में परीक्षा के विभिन्न स्तर को संतुलित करना होता है, ताकि हर उम्मीदवार के अंक समान रूप से मूल्यांकित हो सकें।

UPPSC Student Protest : परीक्षा केंद्रों की कमी

यूपीपीएससी के अनुसार, परीक्षा के लिए आवश्यक परीक्षा केंद्रों की संख्या पर्याप्त नहीं है। पीसीएस परीक्षा के लिए 575,000 से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत हैं, लेकिन उपलब्ध परीक्षा केंद्रों की संख्या कम है। इसी कारण से परीक्षा को दो दिन और एक से अधिक शिफ्टों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

UPPSC Student Protest : राज्य और अन्य आयोगों में भी नॉर्मलाइजेशन

नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोगों में भी लागू की जाती है, जैसे आंध्र प्रदेश, केरल, और तेलंगाना। यूपीपीएससी ने यह प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया है, क्योंकि यह उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत उचित मानी गई है।