100 सालों में कैसा रहा भारतीय मुद्रा का सफर? समय के साथ कितनी गिरावट आई?

srashti
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Rupee At Record Low : भारतीय रुपया इन दिनों अपने रिकॉर्ड लो स्तर पर पहुंच गया है। पिछले कुछ समय से डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिरता जा रहा है, और हाल के कुछ हफ्तों में इस गिरावट का रुख और भी तेज़ हुआ है। खासकर अगर हम पिछले एक दशक की बात करें, तो रुपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले बेहद गिर चुका है। 2014 में एक डॉलर के मुकाबले रुपया 60.32 था, और अब ये 86.62 के स्तर पर आ चुका है। आइए जानते हैं कि आखिर 100 साल में भारतीय रुपये में ये बदलाव कैसे हुआ और समय के साथ रुपये का मूल्य कितना गिरा है?

100 साल पहले रुपये की स्थिति

आज से एक सदी पहले, यानी 1925 में जब भारत ब्रिटिश शासन में था, तो भारतीय रुपये का मूल्य काफी मजबूत था। उस समय, भारत का मुद्रा सिस्टम ब्रिटिश पाउंड के अधीन था, और पाउंड की वैल्यू भी मजबूत थी। 1925 में 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत सिर्फ 2.76 रुपये थी।

लेकिन, जैसा कि हम जानते हैं, 100 सालों में भारतीय रुपया अपनी वास्तविक क्रय शक्ति और विदेशी मुद्राओं के मुकाबले बहुत कमजोर हुआ है। आज एक रुपया उन वस्तुओं को नहीं खरीद सकता, जो 1925 में खरीदी जा सकती थीं। इस गिरावट के प्रमुख कारणों में मुद्रास्फीति, आर्थिक नीतियां और वैश्विक कारक शामिल हैं।

डॉलर बनाम रुपया: कब शुरू हुआ मुकाबला?

1944 में ब्रिटन वुड्स एग्रीमेंट लागू हुआ, जिसके तहत सभी देशों की करेंसी का मूल्य निर्धारण होने लगा। भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1947 में रुपया और डॉलर का मुकाबला शुरू हुआ। तब से लेकर अब तक, भारतीय रुपये की तुलना अमेरिकी डॉलर से होती रही है।

कैसे बदलता गया रुपया?

1. रुपये की क्रय शक्ति

  • 1920 का दशक: भारतीय रुपये की क्रय शक्ति मजबूत थी क्योंकि भारतीय मुद्रा सोने और चांदी जैसी धातुओं से जुड़ी हुई थी।
  • 1947 (स्वतंत्रता के बाद): भारत ने अपनी मुद्रा को स्थिर रखने के लिए कई मौद्रिक नीतियां अपनाईं। उस समय 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1 रुपया था।
  • 1970 का दशक: वैश्विक तेल संकट और बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण रुपये की क्रय शक्ति घटने लगी।
  • वर्तमान (2025): रुपये की क्रय शक्ति में भारी गिरावट आई है। अब 1 रुपया वह वस्तुएं नहीं खरीद सकता जो 100 साल पहले खरीदी जा सकती थीं।

2. विनिमय दर में गिरावट

  • 1947 में: 1 अमेरिकी डॉलर = 1 भारतीय रुपया
  • 2025 में: 1 अमेरिकी डॉलर ≈ 86 भारतीय रुपये

100 साल का रिकॉर्ड: रुपया कैसे गिरा?

1. 1947-1971: स्वतंत्रता के बाद की स्थिरता और पहली गिरावट का दौर।
2. 1971-1991: वैश्विक अस्थिरता और आर्थिक संकट।
3. 1991-2010: वैश्वीकरण का असर, बावजूद इसके रुपये की गिरावट जारी रही।

  • 1992-1999: आर्थिक सुधारों और बाजार के खुलने के बावजूद रुपये का मूल्य धीरे-धीरे घटता गया, 1 USD ≈ 25-30 रुपये के बीच रहा।
  • 2008 (वैश्विक आर्थिक मंदी): रुपये की गिरावट और तेज़ हो गई, 1 USD ≈ 50 रुपये तक पहुंचा।
    4. 2010-2023: लगातार गिरावट का दौर जारी रहा।
  • 2013: रुपये का मूल्य फिर से गिरकर 1 USD ≈ 68 रुपये हो गया।
  • 2020 (COVID-19 महामारी): वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण रुपये का मूल्य और गिरा, 1 USD ≈ 76 रुपये।
    5. 2023-2025: रुपये की गिरावट जारी रही और 2025 में यह रिकॉर्ड लो स्तर पर पहुंच गया, 1 USD ≈ 86 रुपये।