भारतीय मूल के ऋषि सुनक कैसे पहुंचे ब्रिटेन पीएम की रेस में, पढ़े पूरी खबर..

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दुनिया भर में भारत के अलावा कोई ऐसा देश नहीं है जिसके मूल के लोग 30 से अधिक देशों पर या तो शासन कर चुके हो या करते हैं या कर चुके हैं. चाहे मॉरीशस हो, गुयाना, आयरलैंड, पुर्तगाल या फिजी भारतीय मूल के नेताओं की एक लंबी सूची है जो इन जैसे कई देशों के या तो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति रह चुके हैं.

भारतीय मूल के 42 वर्षीय ऋषि सुनक का नाम इस सूची में जुड़ सकता है अगर वह ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में कामयाब होते हैं. नतीजे पांच सितंबर को आएंगे. उनकी प्रतिद्वंद्वी लिज़ ट्रस हैं जो विभिन्न सर्वेक्षणों के मुताबिक़ प्रधानमंत्री की दौड़ में उनसे आगे चल रही हैं. दोनों लीडरों में से एक को उनकी कंज़र्वेटिव पार्टी के 160,000 सदस्य वोट देकर चुन रहे हैं. पार्टी में लिज़ ट्रस अधिक प्रभाव रखती हैं लेकिन देश भर में ऋषि सुनक की लोकप्रियता लिज़ ट्रस से कहीं अधिक महसूस होती है. इस रेस का नतीजा जो भी हो लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक का ब्रिटेन की राजनीति में बहुत तेज़ी से उदय हुआ है. उन्होंने 2015 में, 35 साल की उम्र में, पहली बार संसद का चुनाव जीता. केवल सात वर्षों में वो आज प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं. अगर वो इसमें कामयाब हुए तो वो ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के और काली नस्ल के प्रधानमंत्री होंगे.

क्या ऋषि सुनक रच पाएंगे इतिहास ?

कई विशेषज्ञ कहते हैं कि ऋषि का प्रधानमंत्री बनना एक ऐतिहासिक क्षण होगा, ठीक उसी तरह से जिस तरह अमेरिका में 2008 में बराक ओबामा के राष्ट्रपति चुने जाने के समय हुआ था. ऋषि सुनक से पहले भी दक्षिण एशिया के मूल के नेता बड़े पदों पर आए हैं. वो मंत्री भी बने हैं और मेयर भी, जैसे कि प्रीति पटेल इस देश की गृहमंत्री हैं और सादिक़ खान लंदन के मेयर हैं. लेकिन प्रधानमंत्री के पद का दावेदार अब तक कोई नहीं हुआ है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार ऋषि का उदय एशियाई समुदायों की कामयाबी से जुड़ा है. उनका कहना है कि ब्रिटेन के समाज में विविधता भी ऋषि जैसे नेताओं के उदय ही है.

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आपको बता दें ऋषि सुनक ब्रिटेन के सबसे आमिर व्यक्तियों में सुमार है. शायद यहीं कारण है कि जो आम लोगों से उनके फ़ासले का मुख्य कारण बन गया है. हाल के एक सर्वे के अनुसार ब्रिटेन के 250 सबसे अमीर परिवारों में उनकी गिनती होती है.