कमलगुप्ता “विश्वबंधु “
वर्तमान में कोरोना महामारी से दुनियाभर के देशों के साथ भारत भी झूंज रहा है। सभी मानते है कोरोना का संकट अभी टला नही है। सभी सामाजिक, वैचारिक, आर्थिक, राजनेतिक व धार्मिक आयोजन टाले जा रहे हैं। एक स्थान पर लोगों का जमावड़ा न हो इसके लिये प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही की जा रही है।किन्तु इसका पालन केन्ट्र सरकार, राज्य सरकारें व राजनेतिक दल कर नही रहें है।
कहीं “नमस्ते ट्रम्स” के बाद रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण हेतु “शिलान्यास समारोह” भी महामारी के फेलने का सबब न बन जाए। पिछले दिनों आम जनता को धार्मिक यात्रा व मंदिर दर्शन से रोका गया मगर मंत्रीगणों व मुख्यमंत्रीगणों के द्वारा धडल्ले से धार्मिक यात्रा की व दर्शन किये। और क्यों न करे “समरथ को नहीं दोष गुसाई” हिन्दू मान्यताओं अनुसार भी अभी देव सोयें हुवें है।
शिलान्यास समारोह हेतु 200 (संख्या वृद्धि होगी ही) आमंत्रितो व्यक्तियों की सूची बनाई गई है। सभी आमंत्रित वी. वी. आई. पी. है जिनकी सुरक्षा में हजारोंं पुलिसकर्मी एवं सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगें है। इनकें अलावा कर्मकांडी विद्वान पंडित व साधु संत व कर्मचारीवृन्द भी आयोजन में सरीक होंगें ही। इस कोरोना महामारी के दौर में आस्था व भावनाओं के नाम पर इतना बड़ा मजमा जमाना कतई उचित नही है।
राम मंदिर का शिलान्यास कुछ समय बाद सामान्य परिस्थितियों में किया जाता आयोजन भव्य होता जो लोग राम जन्मभूमि आन्दौलन से जुड़े थे वे भी शरीक हो पाते। जो संत समाज व अन्य व्यक्ति इस आयोजन में निमंत्रित नही किये गये उनकी नाराजगी भी नही रहती। हो सकता है शीघ्र शिलान्यास करने का उद्देश्य जनता का कोरोना महामारी की रोकथाम में मिली विफलता से ध्यान हटाना हो।