CM Yogi Adityanath On AMU: सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय बेंच में चार न्यायाधीशों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे को बहाल रखने के संकेत दिए हैं। इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी आपत्ति जताई। सीएम योगी का कहना है कि जो संस्थान देश के पैसे से चलता है, वह केवल अल्पसंख्यकों के लिए कैसे हो सकता है।
AMU को सामान्य संस्थान बनाने की बात
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान जनसभा में कहा कि एएमयू को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करना या इसे सामान्य संस्थान बनाना चाहिए, इस पर लोगों से विचार करने को कहा। उन्होंने सवाल किया कि जब एएमयू देश के पैसे से चलता है तो यह केवल अल्पसंख्यकों के लिए कैसे हो सकता है?
अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए आरक्षण का सवाल
मुख्यमंत्री ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संस्थान भारत की जनता के टैक्स से चलता है, लेकिन अनुसूचित जाति (SC), जनजाति (ST) और पिछड़ी जाति के लोगों को यहां आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि एएमयू में मुस्लिम समुदाय के लिए 50% आरक्षण की व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है। योगी ने संविधान में अनुसूचित जाति, जनजाति और मंडल आयोग की रिपोर्ट के तहत पिछड़ी जाति के लोगों को आरक्षण की व्यवस्था का उल्लेख करते हुए सवाल उठाया कि उन्हें एएमयू में आरक्षण क्यों नहीं मिलता?
कांग्रेस पर भी किया प्रहार
सीएम योगी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह को भुला दिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर एक राज्य विश्वविद्यालय स्थापित किया है, जो आने वाले समय में उत्कृष्टतम संस्थान बनेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को विकसित करने के लिए भाजपा के प्रत्याशी की जीत जरूरी है। योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि एएमयू जैसे संस्थान को देश के संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए सभी वर्गों के लिए खोलना चाहिए।