मेकअप और ग्लैमर देखने के कितने आदी हैं हम

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अशोक मेहता

हम चाहे टीवी सीरियल देखते हो, पिक्चर देखते हो या किसी सेलिब्रिटी को देखते हे या हीरो हीरोइन  टीवी कलाकार  आदि सितारों को देखते हैं। बिना मेकअप के बिना ग्लैमर के कुछ भी नहीं दिखाया जाता है और हम बिना मेकअप के उन्हें देख भी नहीं सकते। मेकअप मे उन्हें देखकर उनकी तारीफ में क्या-क्या कसीदे नहीं कहते हैं।

अब तो यहां तक कि टीवी एंकर को भी बिना मेकअप के नहीं दिखाते हैं। वास्तविकता की दुनिया से बिल्कुल अलग एक बनावटी झूठी सजावटी दुनिया दिखाई जाती है और अब तो यह आलम है कि हम इस बनावटी दुनिया को देखते देखते इतने आदी हो गए कि आए दिन महिला पुरुष पार्लर पर 1000 से लेकर 40- 50 हजार रुपए 1 दिन के मेकअप  के लिए खर्च करने लग गए।

महंगे किराया देकर ड्रेसे और गहने पहनने लग गए। यदि इतना रुपया  अपनी सेहत पर अपने परिवार पर  खर्च किया होता  तो सोचो  कितना अच्छा होता। शादी विवाह या कोई सा भी कार्यक्रम लोग  दिखावट पर कितना खर्च करते हैं, क्या करें  सब को यही पसंद है  वरना यह रुपया भविष्य में कितना सहायक होता।

हमारी इस मानसिकता में हम लुभावने विज्ञापनों में घटिया सामग्री भी खरीद लेते हैं। मुंह पर जरा सा क्रीम लगाएंगे और चेहरा ग्लैमर का दिखा देंगे साबुन से नहाने में सुंदरता में चार चांदनी हो जाएगी। कितने हम इस झूठ को देखने के आदी हो गए हैं। यह एक बड़ा सोच का विषय है हम प्रकृति से और सच्चाई से कोसों दूर जा रहे हैं। हमारी मानसिकता भ्रष्ट होती जा रही है। वास्तविकता को स्वीकारने की आदत कम होती जा रही है।