मध्य प्रदेश में में चुनाव के पहले हर दिन कुछ बड़ा फैलसा देखने को मिल रहा है। इसी सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल अगले महीने होने जा रहे मध्य प्रदेश के 28 सीटों के उपचुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है कि नेताजी अब जनता के बीच जाकर वोट मांग सकेंगे। इस के पूर्व में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फिजिकल इलेक्शन कैंपेनिंग पर रोक लगा दी थी और कहा कि नेता सिर्फ इंटरनेट के माध्यम से वर्चुअल कैंपेनिंग करेंगे।
लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है और चुनाव आयोग को इस मामले में नई अधिसूचना जारी करने को कहा है। बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। जानकरी के लिए बात दे कि 3 नवम्बर को मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर मतदान होने वाले है। इस नए आदेश से सभी प्रत्यशियों को राहत मिलेगी।
गौरतलब है कि पूर्व में जबलपुर हाईकोर्ट की एक बेंच ने उपचुनाव को लेकर आयोजित की जाने वाली सभाओं पर रोक लगा दी थी। और इस रोक के चलते शिवराज सिंह चौहान को अपनी सभाएं निरस्त करनी पड़ी, जिसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दिया। उन्होंने ट्वीट में कहा था कि वे इन सभाओं के निरस्त होने के लिए क्षेत्र की जनता से माफी मांगते हैं. उन्होंने कहा था कि माननीय उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने एक फैसला दिया है जिसके तहत चुनावी रैली या सभाएं आयोजित नहीं की जा सकती हैं. इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेना जरूरी है।