होलिका दहन आज, जाने होली जलाने का भद्रा रहित मुहूर्त, 3 काम करने से होली हो जाएगी शुभ

pallavi_sharma
Published on:

होली का त्यौहार खुशियों का रंगो का त्यौहार जिसके आते ही सबके चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ जाती है बचा बूढ़ा जो कोई हो वो खुशियों के रंग में रंग जाता है होली आने से पहले होलिका का दहन किया जाता है जिसको लेकर कई मान्यताये है इस साल होलिका दहन आज 7 मार्च दिन मंगलवार को है. आज फाल्गुन मा​ह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. आज भद्रा रहित शुभ मुहूर्त में शाम के समय होलिका दहन होगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन करने से नकारात्मकता दूर होती है. इस दिन होली पूजा करते हैं ताकि जीवन में सुख और समृद्धि आए. होलिका दहन के अगले दिन 8 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा. आइए जानते हैं होलिका दहन के शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, पूजा विधि और महत्व के बारे में.

होलिका दहन 2023 तिथि

फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 06 मार्च, सोमवार, शाम 04 बजकर 17 मिनट से
फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 07 मार्च, मंगलवार, शाम 06 बजकर 09 मिनट पर
होलिका दहन के समय धृति योग और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है.

होलिका दहन का मुहूर्त
07 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 24 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक है. होलिका दहन के लिए शुभ समय 02 घंटा 27 मिनट तक है.

सुबह में भद्रा का समापन
होलिका दहन के समय में भद्रा नहीं है. भद्रा का समापन आज सुब​ह 05 बजकर 15 मिनट पर हो गया है. भद्रा की पूंछ आज 12:43 एएम से 02:01 एएम तक है. भद्रा मुख आज 02:01 एएम से सुबह 04:11 एएम तक है.

होलिका दहन 2023 रात्रि का चौघड़िया शुभ मुहूर्त
लाभ-उन्नति मुहूर्त: शाम 07:56 बजे से रात 09:28 बजे तक
शुभ-उत्तम मुहूर्त: रात 11:00 बजे से 8 मार्च को 12:32 एएम तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 8 मार्च को 12:32 एएम से तड़के 02:04 एएम तक
चर-सामान्य मुहूर्त: 8 मार्च को तड़के 02:04 एएम से 03:36 एएम तक

होलिका दहन 2023 पूजा सामग्री
सूखी लकड़ियां, उप्पलें, सूखी घास, फूल, माला, गुलाल, रंग, हल्दी, अक्षत्, रोली, जौ, मूंग, गेहूं की बालियां, गुड़, धूप, एक लोटा या कलश में पानी, बताशा, नारियल, कपूर, मिठाई, कच्चा सूत या रक्षा सूत्र आदि.

होलिका दहन की पूजा विधि
उत्तर या पूर्व की ओर मुखकर बैठ जाएं. सिर पर रूमाल या कोई कपड़ा रख लें. फिर गौरी और गणेश जी की पूजा करें. उसके बाद क्रमश: होलिका, प्रह्लाद और भगवान नरसिंह की पूजन सामग्री से पूजा करें. उसके बाद होलिका की परिक्रमा करके उसमें सूत या रक्षासूत्र लपेट दें. इसके बाद कपूर और उप्पलों की मदद से होलिका में आग जलाएं. परिवार के कल्याण के लिए प्रार्थना करें.

होलिका पूजा मंत्र

ओम होलिकायै नम:
ओम प्रह्लादाय नम:
ओम नृसिंहाय नम:

होलिका दहन पर करें 3 काम

हालिका दहन से पूर्व शरीर में उबटन लगाते हैं, फिर उसके अवशेष को ले जाकर होलिका में डाल देते हैं. इससे नकारात्मकता खत्म होती है. पूजा के लिए पीला, लाल, गुलाबी आदि किसी भी रंग का वस्त्र पहनते हैं, लेकिन काला और सफेद वस्त्र न पहनें. नकारात्मक शक्तियों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए पूजा के समय सिर पर रूमाल या कोई कपड़ा रखते हैं.