Holi 2024 : होलिका दहन में गोबर के उपले क्यों जलाए जाते हैं? जानें खास महत्व

Deepak Meena
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Holi 2024 : होली भारत का एक लोकप्रिय त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होलिका दहन होली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें लोग होलिका नामक राक्षसी का पुतला जलाते हैं। इस पुतले को बुराई का प्रतीक माना जाता है।

होलिका दहन में गोबर के उपले जलाने का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और गाय के गोबर को शुद्धिकरण का प्रतीक माना जाता है। गोबर के उपले जलाने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और वातावरण शुद्ध होता है।

गोबर के उपले जलाने के स्वास्थ्य लाभ भी हैं। गोबर के उपले में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो हानिकारक बैक्टीरिया को मारते हैं। होलिका दहन के समय सर्दी का मौसम समाप्त हो रहा होता है और गर्मी का मौसम शुरू हो रहा होता है।

इस दौरान बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। गोबर के उपले जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और बीमारियों का खतरा कम होता है। होलिका दहन के दौरान गोबर के उपले जलाने धार्मिक और स्वास्थ्य दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।