कोरोना महामारी से उबरने के बाद, चीन में एक और वायरस ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) के कारण चीन में कोविड-19 जैसे हालात फिर से उत्पन्न हो गए हैं। अस्पतालों में बढ़ती भीड़ और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने दुनियाभर को चौकस कर दिया है। यह वायरस अब भारत में भी दस्तक दे चुका है, जहां बेंगलुरु में इसके पहले मामले की पुष्टि हुई है।
भारत में HMP वायरस के मामले
भारत में HMP वायरस के मामले अब तक आठ राज्यों से सामने आ चुके हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में इस वायरस के मामले पाए गए हैं। कर्नाटक में दो बच्चों में HMP वायरस की पुष्टि हुई है, जिनमें एक तीन महीने की बच्ची और एक आठ महीने का बच्चा शामिल है। गुजरात में एक दो महीने की बच्ची भी संक्रमित पाई गई है, जबकि महाराष्ट्र के नागपुर से भी दो संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
अस्पतालों में भीड़ और अलर्ट मोड पर सरकार
चीन में इस वायरस के तेजी से फैलने की खबरों ने दुनियाभर के अस्पतालों को अलर्ट मोड पर डाल दिया है। भारत में भी इस वायरस से संक्रमित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। सरकार ने राज्यों को दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं और स्वास्थ्य एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
HMP वायरस के लक्षण
HMP वायरस के लक्षण कोविड-19 के जैसे हैं, जिनमें खांसी, बुखार, गले में खराश, नाक का बहना या बंद होना शामिल हैं। कुछ मामलों में सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है। यह वायरस छोटे बच्चों, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे न्यूमोनिया या ब्रोंकोलाइटिस जैसे गंभीर लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं।
HMP वायरस
HMP वायरस का पूरा नाम ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस है। यह वायरस फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है और संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इसकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि इसके लक्षण कोरोना जैसे होते हैं, और यह वायरस फेफड़ों पर हमला कर सकता है।
चीन में बढ़ते मामलों की चिंता
चीन में HMP वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और वहां के अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगी है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। अस्पतालों में बेड की कमी हो रही है, और मरीजों के लिए सांस संबंधी इलाज की आवश्यकता बढ़ रही है।
भारत में सरकार की तैयारी
भारत सरकार ने इस वायरस को लेकर तात्कालिक कदम उठाए हैं। 4 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें WHO, ICMR, NCDC और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों के विशेषज्ञ शामिल थे। सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों से सही जानकारी साझा करने और जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
बचाव के उपाय
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। आपको क्या करना है:
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें।
- हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें।
- लक्षण दिखाई देने पर आइसोलेट हो जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
इलाज और उपचार
एचएमपीवी के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हल्के मामलों में आराम और ओवर-द-काउंटर दवाएं प्रभावी हो सकती हैं। गंभीर मामलों में, जैसे कि न्यूमोनिया या ब्रोंकोलाइटिस, ऑक्सीजन थेरेपी और अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है।
एडवाइजरी में क्या कहा गया है?
रियल टाइम रिपोर्टिंग की दिशा में नया आदेश
एडवाइजरी में अस्पतालों से आग्रह किया गया है कि वे सभी प्रकार की सांसों से संबंधित संक्रामक बीमारियों की रियल टाइम रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। सीवर एक्यूट रिस्पाइरेटरी इंफेक्शन (SARI) और फ्लू के मामलों को तत्काल इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) पोर्टल पर दर्ज करें।
संदेहास्पद मरीजों के लिए विशेष सावधानी
जब भी कोई संदिग्ध मरीज अस्पताल में पहुंचे, तो उसे आइसोलेट करने और प्राथमिकता के आधार पर इलाज करने की सख्त हिदायत दी गई है। यह सुनिश्चित करने की बात भी कही गई है कि संक्रामक बीमारी का प्रसार अन्य मरीजों तक न पहुंचे।
निजी अस्पतालों से समन्वय सुनिश्चित करें
अस्पतालों को निजी अस्पतालों के साथ मिलकर संक्रामक बीमारियों के सटीक रिपोर्टिंग और उपचार की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए कहा गया है, ताकि मरीजों को इलाज में कोई असुविधा न हो और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मौसम के हिसाब से दवाओं की तैयारी
हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामिन, ब्रोंकोडायलेटर, और कफ सिरप की पर्याप्त मात्रा में स्टोर करने के निर्देश दिए गए हैं।
हाईजीन और वेंटिलेटर का विशेष ध्यान रखें
संक्रामक रोगों के फैलाव को रोकने के लिए उच्च स्तर की हाईजीन का पालन करना आवश्यक है। इसके साथ ही गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर की कमी न हो, इसका भी पहले से प्रबंध सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।
हेल्पलाइन नंबर और फीडबैक
सरकार ने इस मुद्दे पर जानकारी और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है: 011-22307145 या 011-22300012। इसके अलावा, phw4delhi@yahoo.com पर फीडबैक देने को कहा गया है।