MP Weather: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1 जून को एक्टिव हुए पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव आज शनिवार से प्रदेश में भी दिखाई देने वाला हैं। आज 2 संभागों सहित 12 जिलों में बरसात का पूर्वानुमान जारी कर दिया गया है। वही भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बौछारें भी हो सकती है। इससे टेंपरेचर में कमी आएगी और गर्मी से निजात भी मिलेगी। इधर, प्री मानसून के 10 जून के बाद आने की भी आशंका बन रही है। वही मानसून 15 जून के बाद आने का भी अंदेशा जताया जा रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ से फिर बिगड़ेगा मौसम
MP मौसम विभाग की मानें 1 जून को एक्टिव हुए नए मौसम तंत्र का प्रभाव आज शनिवार से पूरे मध्यप्रदेश में दिखाई देगा। इसके असर से 5 जून तक भोपाल, उज्जैन सहित ग्वालियर-चंबल में भारी बरसात और 40-50 Km प्रतिघंटे की गति से हवा चलने का पूर्वानुमान जारी कर दिया गया है। वही 3, 4 और 5 जून को भोपाल-उज्जैन सहित 12 जिलों में वर्षा होने का अंदेशा व्यक्त किया गया है, वही नए पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव ग्वालियर और चंबल संभाग में भी देखने को मिलेगा।
Also Read – इन राशि वाले जातकों के लाइफपार्टनर की होगी तरक्की, नौकरी में मिलेगा प्रमोशन, क्रोध पर रखें नियंत्रण
10 जिलों में बारिश के आसार
MP मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान है कि आज भोपाल-उज्जैन संभाग में आंधी तूफ़ान के साथ बारिश होने के संकेत दिखाई दे रहे है। वही भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, नीमच, मंदसौर और रतलाम में भी मौसम ख़राब हो सकता है। वही ग्वालियर-चंबल वाले भागों में भी मामूली मानसून होने की आशंका बनी हुई है। इधर, मानसून के 20 जून तक प्रदेश में एंट्री करने की आशंका है।
6 जून से साफ होगा मौसम
MP मौसम विभाग का अनुमान है कि भोपाल में 3 और 4 जून को भारी बरसात होगी और 5 जून को भी मौसम बदला रहेगा। 6 जून से मौसम पुनः क्लियर होगा। शनिवार और रविवार को ग्वालियर-चंबल संभाग में छिटपुट स्थानों पर धूल भरी आंधी के साथ हल्की से मध्यम बारिश की आशंका है। आज इंदौर में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की भी आशंका है। शाम को तेज हवा चलने का भी अंदेशा है। वही जबलपुर समेत जिलों में नमी आने से मेघ छाए रहेंगे। कहीं-कहीं तेज हवा और साधारण बूंदाबांदी भी हो सकती है।
एक साथ 3 मौसम प्रणाली सक्रिय
मौजूदा समय में 3 मौसम प्रणाली सक्रिय है। एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू के आस हवा के ऊपरी भाग में साइक्लोन के रूप में शामिल है। उसके असर से पंजाब पर एक प्रेरित साइक्लोन बना है। वही दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक साइक्लोन घेरा बना हुआ है। इन 3 मौसम प्रणाली के सक्रिय रहने के साथ साथ हवा का रुख भी दक्षिण-पश्चिमी हो गया है। इसके अतिरिक्त वायुमंडल में नमी बढ़ने से मेघ छाने लगे हैं, बारिश का सिलसिला देखने को मिल रहा है। इससे सर्वाधिक टेंपरेचर में गिरावट आने की आशंका है।