दक्षिण गुजरात में भारी बारिश, 21 जुलाई तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह

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वलसाड। दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में रविवार (आज) भारी बारिश हुई जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। वलसाड, वापी और नवसारी में कई स्थानों पर जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई। साथ ही आईएमडी ने कहा कि, ‘दक्षिण गुजरात और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 2.1 किलोमीटर ऊपर चक्रवाती दबाव का क्षेत्र बन रहा है।’ वहीं, विभाग ने 21 जुलाई तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। एक ओर जहां वलसाड जिले के उमरगाम और वापी के निचले इलाकों में पानी भर गया है। वहीं दूसरी ओर सड़कों पर जलजमाव हो जाने से यातायात अस्त-व्यस्त रहा।

साथ ही नवसारी जिले के चिखली, गणदेवी और खेरगाम तालुका तथा सूरत के कामरेज और बारडोली में भी भारी बारिश हुई। राज्य आपदा परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार वलसाड जिले के वापी तालुका में सुबह छह बजे से छह घंटे में 226 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इसी दौरान उमरगाम में 232 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। एसईओसी के अधिकारियों ने बताया कि वलसाड तालुका में 143 और जलालपुर में 146 मिलीमीटर बारिश हुई। इनके अलावा नवसारी तालुका में 120, नवसारी के गणदेवी में 119 और सूरत के कामरेज में 118 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वलसाड और वापी में जिलों में भारी बारिश से कई बाजार व आवासीय क्षेत्र में भी जलभराव की स्थिति है।

वलसाड के अतिरिक्त जिलाधिकारी एनए राजपूत ने कहा कि, उमरगाम, वलसाड और वापी तालुका में सुबह से भारी बारिश हो रही है। उन्होंने कहा कि, ‘निचले इलाकों में हमारी टीम तैनात है। बारिश अभी रुकी है और कई क्षेत्रों से पानी निकलना शुरू हो गया है। साथ ही, अग्निशमन विभाग के दलों को भी महत्वपूर्ण ठिकानों पर तैनात किया गया है।’

वहीं आईएमडी के अनुसार, अब तक गुजरात में 36 फीसदी कम बरसात हुई है। साथ ही आईएमडी ने अलग से जारी एक विज्ञप्ति में मछुआरों को 21 जुलाई तक उत्तर और दक्षिण गुजरात के तटों से अरब सागर में नहीं जाने की सलाह दी है। मौसम विभाग की माने तो इस दौरान 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। जिससे मछुआरों को खतरा हो सकता है।