इंदौर। अगर हम हार्ट से संबंधित समस्या की बढ़ोतरी की बात करें तो इसमें कुछ समय में बहुत ज्यादा इज़ाफा हुआ हैं। आंकड़ों की अगर बात की जाए तो पीछले दस सालों में लगभग 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हमारी बदलती जीवनशैली के चलते लाइफ स्टाइल डिजीज बहुत कॉमन हो गई हैं। जिसमें आमतौर पर डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट ब्लॉकेज जैसी समस्या ज्यादा देखने को मिल रही हैं। आज के दौर में खान पान में बदलाव के साथ साथ एक्सरसाइज और अन्य एक्टिविटी में काफी कमी देखने को मिल रही हैं। डॉ. रितेश कुमार गुप्ता ने यह बात आपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह शहर के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल मेदांता में कार्डियोलॉजिस्ट में रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सवाल. हार्ट संबधित समस्या में ब्लॉकेज एक मुख्य कारण हैं यह किस वजह से होते हैं और क्या यह युवाओं में देखने को मिल रहे हे
जवाब.लोगों में ब्लॉकेज की समस्या ज्यादातर बुजुर्गों में देखी जाती हैं। अगर बात पिछले 10 सालों की करी जाए तो अब ब्लॉकेज को समस्या युवा वर्ग और महिलाओं में भी देखने को मिल रही हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन हमारी लाइफ स्टाइल ने इस पर गहरा प्रभाव डाला हैं। ब्लॉकेज को अगर हम मेडिकल टर्म में समझे तो यह कोलेस्ट्रॉल के डिपोजिशन से सामने आती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल और बढ़ती एज के साथ यह बीमारी देखने को मिलती हैं।
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सवाल. अचानक हार्ट अटैक से मौत के मामले सामने आते हैं क्या उन्हें पहले से कोई समस्या हो सकती हैं
जवाब.आजकल हम देखते और सुनते हैं कि किसी व्यस्क व्यक्ति या युवा को अचानक हार्ट अटैक हुआ air मौत हो गई। यह कहना सही नहीं है कि हार्ट अटैक अचानक हुआ किसी भी व्यक्ति को जब हार्ट अटैक होता हैं और उस केस में उसकी मौत हो जाती है तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति को पहले से अंडरलाइन हार्ट संबंधित समस्या थी। सही समय पर जांच नहीं करवाने या अन्य कारणों से ऐसी समस्या का हमें पता नहीं चल पाता हैं।
सवाल. हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के पीछे क्या हार्ट समस्या हो होती है या कोई अन्य समस्या हो सकती है
जवाब.कई बार हार्ट संबधित समस्या का कारण जीवनशैली के अलावा दूसरे होते हैं। जिसे सडन कार्डियक डेथ कहा जाता है। इसके कई कारण होते हैं जिसमें हार्ट अटैक भी एक कारण हैं। वहीं 10 प्रतिशत केस में दूसरे कारण भी हो सकते हैं जिसके दौरान मौत की संभावना होती है। हार्ट से संबंधित समस्या जेनेटिक भी होती हैं कई बार ऐसा होता है कि अगर किसी के परिवार में हार्ट संबधित समस्या की हिस्ट्री रही हो तो उन्हें भी ऐसी समस्या होने की संभावना होती हैं। इससे घबराने के बजाय सही समय पर जांच और ट्रीटमेंट के बाद इसे ठीक किया जा सकता है। हार्ट अटैक के दौरान हुई मौत में हार्ट या ब्रैन की दूसरी बीमारी के चलते भी हार्ट के केस सामने आते हैं।
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सवाल. क्या युवा वर्ग में हार्ट संबंधित समस्या देखने को मिल रही है, वहीं महिलाओं में इसकी कमी के क्या कारण है
जवाब.अगर बात अपने अनुभव के अनुसार करूं तो पीछले दस सालों में यह हार्ट से संबंधित बीमारी तीन गुना हो गई हैं। वहीं अगर बात यंग जनरेशन की करी जाए तो इसमें भी काफी इज़ाफा हुआ है। अब सो पेशेंट में से 10 पेशेंट यंग जनरेशन से होते हैं। महिलाओं में हार्ट संबधित समस्या पुरुषों के मुकाबले कम होती हैं। इसका कारण पुरुष वर्ग द्वारा धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन करना शामिल है वहीं महिलाओं में पीरियड्स के दौरान यह समस्या एस्ट्रोजन हार्मोन रिलीज होने से कुछ हद तक कम हो जाती हैं। आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई कहां से कंप्लीट की है, क्या किसी इंटरनेशनल फेलोशिप में आपने हिस्सा लिया है।
जवाब.मैने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज नागपुर से कंप्लीट की इसके बाद एमडी की पढ़ाई एसएमएस कॉलेज जयपुर से पूरी की। इसके बाद डीएम कार्डियोलॉजी एम्स नई दिल्ली से कंप्लीट किया। वहीं फेलोशिप इन इंटरनेशनल कार्डियोलॉजी इजराइल और जर्मनी से पूरी की। मैने एक कार्डियोलॉजी कंसल्टेंट के रूप में देश के साथ साथ कई फॉरेन कंट्री में अपनी सेवाएं दी है।