सर्दी और दिल के दौरे की बढ़ती घटनाओं के बीच संबंध एक जटिल घटना है जिसमें कई कारण शामिल हैं। जबकि एक्सपर्ट्स के शोध ने ठंड के महीनों और दिल के दौरे के उच्च जोखिम के बीच एक संबंध की पहचान की है, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सहसंबंध आवश्यक रूप से कारण का संकेत नहीं देता है। सर्दियों के दौरान दिल के दौरे में देखी गई वृद्धि के कुछ संभावित कारणों में शामिल हैं:
1. ठंडा तापमान: ठंडे मौसम के संपर्क में आने से रक्त वाहिकाएं यानी रक्त बहाने वाली नलियां सिकुड़ सकती हैं और रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। यह पहले से मौजूद हृदय संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
2. शारीरिक गतिविधि में मौसमी बदलाव: ठंडे मौसम और छोटे दिनों के कारण सर्दियों के महीनों के दौरान लोग कम सक्रिय होते हैं। कम शारीरिक गतिविधि मोटापे और उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में योगदान कर सकती है, जो हृदय रोग के लिए जोखिम कारक हैं।
3. आहार में बदलाव: सर्दियों की छुट्टियों में अक्सर समृद्ध, उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना शामिल होता है। वसा और सोडियम से भरपूर आहार हृदय संबंधी समस्याओं के विकास में योगदान कर सकता है।
4. श्वसन संक्रमण: सर्दी और फ्लू के वायरस सर्दियों में अधिक प्रचलित होते हैं। संक्रमण हृदय प्रणाली पर दबाव डाल सकता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ा सकता है, खासकर मौजूदा हृदय रोग वाले व्यक्तियों में।