भोपाल: मध्यप्रदेश में ओबीसी को पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर दायर याचिका में अब सुनवाई की तारीख आगे बढ़ गई हैं। आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें पंचायत और निकाय चुनाव कराए जाने वाले फैसले में संशोधन की मांग की है।
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सबसे खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है और बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराए जाने के फैसले में संशोधन की मांग की हैं। सुप्रीम कोर्ट के 10 मई के आदेश में संशोधन की मांग की गई और इसकी सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट भी तैयार हो गया है। अब इस मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई की तारीख दी है। चुनाव में OBC आरक्षण मामले पर अब सुनवाई 17 मई को होगी।
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दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने वकीलों के साथ भी इस मामले पर चर्चा की थी। जिसके बाद यह फैसला लिया गया। पंचायत और निकाय चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था कि हमारा साफ कहना है, भारतीय जनता पार्टी ओबीसी वर्ग को न्याय देने का फैसला कर चुकी है। ओबीसी को न्याय मिलना चाहिए। 27 फीसदी से ज्यादा टिकट देकर हम ओबीसी वर्ग के साथ न्याय करेंगे, अब ओबीसी वर्ग के भाई-बहनों को न्याय मिलेगा, इसीलिए चिंता की जरुरत नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के सामने अपना पक्ष भी हम रख रहे हैं, पूरी तैयारी हो गई है। मोडिफिकेशन के लिए हम गए। लेकिन अब आर कोर्ट में याचिका दायर की है।
आपको बता दें कि हाल ही में BJP के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चुनाव कराने के लिए जो समय दिया गया था ये समय चुनाव करवाने के लिए कम था। क्योंकि मध्यप्रदेश में 290 नई पंचायत बनी है और 35 नगर पंचायत। प्रक्रिया के अनुसार काम करने के लिए करीब डेढ़ माह का समय जरूरी है। लेकिन आपको बता दें कि ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने याचिका भी दायर कर दी है। साथ ही अब बीजेपी और कांग्रेस चुनाव की तैयारियों में लगी हुई हैं।