प्रवासी भारतीयों की वीरगाथा सुनिए और महसूस कीजिए डिजिटल एग्जीबिशन में

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आबिद कामदार, इंदौर.आजादी का कोई मोल नहीं लेकिन इसकी कीमत कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बहुत कुछ देकर चुकाई है, उनके किस्से सुनाने से कभी खत्म नहीं होते। वह किस्से जो हमारे अंदर देशभक्ति का भाव पैदा करते है। ऐसे ही कई अनसुने किस्सों से लबरेज है प्रवासी भारतीय सम्मेलन की डिजिटल एग्जीबिशन, सम्मेलन में सबसे खास डिजिटल एग्जीबिशन को कई प्रकार की टेक्नोलॉजी की मदद से तैयार किया गया है, जिसमें फ्रीडम फाइटर और आजादी के संघर्ष की कहानियों को बैकग्राउंड म्यूजिक और अन्य रूपों में दिखाया जा रहा है।

3डी प्रोजेक्शन मेपिंग से कोमगाठा मारू की घटना

कोमागाठा मारू की घटना को 3 डी प्रोजेक्शन मैपिग की मदद से तैयार किया गया है। जिसमें एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। घटना और फ्रीडम फाइटर के संघर्ष का वर्णन किया गया है, घटना का वर्णन सुनने के लिए स्क्रीन के सामने लगी बेंच पर बैठने पर साउंड सुनाई देता है, जो की ऊपर से एक डिवाइस की मदद से लटकाया गया है। स्क्रीन के सामने लगे डिवाइस को दबाने पर पूरी कहानी लिखित रूप में सामने आ जाती है।

स्क्रीन के सामने खड़े होने पर दिखते है समरूपी प्रवासी भारतीय

एग्जीबिशन में दो मशीन लर्निग डिवाइस लगाए गए है, जो सामने खड़े व्यक्ति के समरूप प्रवासी को बताता है।इस डिवाइस के सामने खड़े होने पर ये चेहरे को स्कैन करता है और व्यक्ति की शक्ल से मिलने वाले प्रवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तस्वीर बताता है। जिसमें महात्मा गांधी, उधम सिंह, बाबा साहेब अंबेडकर, लाला लाजपत राय और अन्य फ्रीडम फाइटर को दिखाता है। लेकिन डिवाइस के सामने एक ही व्यक्ति को खड़ा करने पर यह अलग प्रवासी से शक्ल का मिलान करता है।

प्रवासी के साथ सेल्फी

एगजिबिशन में प्रवासी के साथ सेल्फी एक डिवाइस लगा है, जिसमें आप अपनी पसंद के प्रवासी के साथ सेल्फी ले सकते है। इसमें सेल्फी के बाद मेल एड्रेस पर फोटो आपको शेयर कर दी जाती है।

एग्जीबिशन के सेंटर में अशोक चक्र को सेंटर में लटकाया गया है, जो प्रवासी भारतीयों के विपरीत परस्थितियों में होने के बावजूद अपने संघर्ष को जारी रखने की बानगी बयां करता है। वहीं स्वाधीनता के प्रवासी नायक से सम्बंधित डिवाइस लगे हैं, जिनमें सभी प्रवासी नायकों के संघर्ष और देशप्रेम को दर्शाया गया है।

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अतीत के पन्नो से भारत

एग्जीबिशन में एक खास रूम तैयार किया गया है, जो की 1950 के दशक की याद दिलाता है, पीओपी और लकड़ी की मदद से बने इस कमरे में दाखिल होने पर यह पुराने जमाने के हिसाब से बने घर की याद दिलाता है, इसमें भारत के वीरों की गाथा सुनाई जा रही है। इस कमरे में कुछ पत्र, एक ढोलक, पुराने जमाने का बेंच, और कुछ बोरियां भरकर रखी गई है। वहीं एग्जीबिशन में इंडिया हाउस लंदन, स्वराज की राह पर, डॉ भीमराव अंबेडकर की जीवनगाथा,आजाद हिंद फौज,आजाद हिंद रेडियो, अंग्रेजो के जमाने की गाड़ियां, ब्रिटिश काल में प्रवास और अन्य चीजों को प्रदर्शित किया है।