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डायबिटीज की वजह से क्यों खराब होती है आंखों की रोशनी? जानिए वजह, लक्षण और बचाव

diabetes cause poor eyesight

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भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इसके गंभीर दुष्प्रभाव अब केवल ब्लड शुगर तक सीमित नहीं रहे. विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज का सबसे खतरनाक असर आंखों पर पड़ता है, जिससे धीरे-धीरे नजर धुंधली होने लगती है और समय रहते इलाज न हो तो आंखों की रोशनी तक जा सकती है.

आखिर क्यों होती है आंखों की रोशनी कमजोर?
डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल लगातार हाई रहने से शरीर की छोटी रक्त वाहिकाएं (capillaries) प्रभावित होती हैं. आंखों में मौजूद रेटिना की ये नाजुक रक्त नलिकाएं भी इसकी चपेट में आ जाती हैं. यही स्थिति आगे चलकर Diabetic Retinopathy का रूप ले लेती है.
रेटिना वह हिस्सा होता है जो रोशनी को महसूस करता है और दिमाग तक चित्र भेजता है। जब यहां की नसें डैमेज होने लगती हैं, तो व्यक्ति को दिखना कम होने लगता है या नजर धुंधली होने लगती है.

डायबिटीज से जुड़ी आंखों की समस्याएं:
डायबिटीज यानी मधुमेह केवल ब्लड शुगर बढ़ने की बीमारी नहीं है, यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है. जिसमें आंखें सबसे संवेदनशील मानी जाती हैं. लंबे समय तक अनियंत्रित शुगर लेवल दृष्टि को कमजोर कर सकता है और यहां तक कि अंधेपन (blindness) का कारण भी बन सकता है. आइए समझते हैं कि डायबिटीज आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाती है, क्या इसके लक्षण होते हैं और कैसे हम इससे बचाव कर सकते हैं.

1.डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)-यह सबसे आम और खतरनाक स्थिति है. इसमें आंखों की रेटिना की छोटी रक्त नलिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे धुंधली दृष्टि, ब्लैक स्पॉट्स और अंत में अंधापन हो सकता है.

2.ग्लूकोमा (Glaucoma)- डायबिटीज वालों में ग्लूकोमा का खतरा अधिक होता है. इसमें आंख के भीतर दबाव बढ़ जाता है और ऑप्टिक नर्व क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे धीरे-धीरे दृष्टि चली जाती है.

3.कैटरैक्ट (Cataract)-डायबिटीज आंखों के लेंस को जल्दी धुंधला कर सकती है, जिससे व्यक्ति को कम उम्र में ही मोतीया बिंद (कैटरैक्ट) की समस्या हो सकती है.

लक्षण जो नजरअंदाज न करें:
.धुंधला दिखना

.आंखों के सामने धब्बे या धुएं जैसे निशान

.रात को देखने में परेशानी

.आंखों में जलन या खिंचाव

.अचानक रोशनी कम हो जाना

कैसे करें बचाव?
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें, साल में एक बार आई चेकअप जरूर कराएं, खासतौर पर रेटिना की स्क्रीनिंग, हेल्दी डायट लें और प्रोसेस्ड शुगर से बचें, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं, नियमित रूप से व्यायाम और योग करें.

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