Health Care : सर्दियों के मौसम में ठंड के असर से न केवल सर्दी-खांसी और फ्लू जैसी बीमारियां बढ़ती हैं, बल्कि दिल के दौरे के मामले भी ज्यादा देखने को मिलते हैं। यह मौसम शरीर पर जैविक बदलाव लाता है, जिसके कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि सर्दियों में दिल के दौरे का खतरा क्यों अधिक होता है और इससे बचने के क्या उपाय हैं।
दिल के मरीजों पर भारी पड़ रही है ठंड
सर्दी में ठंड के कारण शरीर की रक्त वाहिकाओं में संकुचन हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह पर प्रतिकूल असर पड़ता है। खासकर हृदय और कोरोनरी धमनियों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है, जिससे दिल पर दबाव बढ़ता है। इसके अतिरिक्त, ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है, जो दिल के दौरे के जोखिम को और बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में दिल के दौरे के मामलों में वृद्धि होती है, क्योंकि ठंड के दौरान शरीर को गर्म रखने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और इस दौरान हृदय पर अतिरिक्त दबाव बनता है। इसके साथ ही, सर्दी के मौसम में श्वसन संबंधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं, जो दिल की सेहत को और प्रभावित कर सकती हैं।
किसे है सर्दियों में दिल के दौरे का अधिक खतरा?
सर्दियों में दिल के दौरे का खतरा उन लोगों को अधिक होता है जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है, या जिन्हें पहले से हृदय संबंधी समस्याएं हैं। इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों में भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा होता है। इस मौसम में अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह जोखिम और बढ़ सकता है, क्योंकि श्वसन और हृदय दोनों प्रणालियां एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं।
दिल के दौरे से बचने के उपाय
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: सर्दियों में दिल के दौरे से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जीवनशैली में बदलाव। यदि आपको पहले से हृदय संबंधी समस्याएं हैं, तो आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसका मतलब है कि अच्छा आहार, पर्याप्त नींद और तनाव से बचाव करना जरूरी है। आपको अपने आहार में संतुलित मात्रा में फल, सब्जियां, प्रोटीन और फाइबर शामिल करना चाहिए, साथ ही तैलीय और मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए।
- रोजाना व्यायाम करें: सर्दियों में व्यायाम का ध्यान रखना और शरीर को सक्रिय रखना अत्यंत आवश्यक है। हल्का व्यायाम जैसे वॉकिंग, योग या हल्की स्ट्रेचिंग से रक्त संचार बेहतर रहता है और दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। व्यायाम से शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है, जो ठंड के प्रभाव को कम करता है।
- तनाव से बचें: सर्दियों में तनाव का स्तर भी बढ़ सकता है, जो दिल के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग की प्रैक्टिस करें। मानसिक शांति रखने से शरीर में हार्मोनल बदलावों को नियंत्रित किया जा सकता है, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
- समय पर डॉक्टर से संपर्क करें: यदि सर्दी के मौसम में आपको अचानक सीने में दर्द या सांस लेने में कठिनाई महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दिल का दौरा तब ज्यादा खतरनाक हो सकता है जब लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है। यदि आप पहले से हृदय रोग से पीड़ित हैं या आपकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है, तो नियमित जांच करवाना जरूरी है।
समय रहते पहचानें लक्षण
दिल के दौरे के लक्षणों को समय रहते पहचानना और त्वरित उपचार शुरू करना बेहद महत्वपूर्ण है। सीने में दबाव, घबराहट, सांस लेने में कठिनाई और शरीर के किसी हिस्से में दर्द जैसे लक्षणों को हल्के में न लें। अगर इन लक्षणों में से कुछ भी महसूस हो तो तुरंत मेडिकल मदद लें।