66 टेस्ट में निरंतर खेलते रहे, महज एक बार हुए थे ड्रॉप, कपिल देव ने भारत को दिलाया था पहला ODI World Cup

srashti
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Kapil Dev : आज भारतीय क्रिकेट के दिग्गज कप्तान और महान ऑलराउंडर कपिल देव का 67वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में जन्मे कपिल देव ने क्रिकेट के मैदान पर अपनी असाधारण प्रतिभा से पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। वे अपने समय के सबसे बड़े क्रिकेटरों में से एक रहे हैं और उनकी उपलब्धियों ने उन्हें क्रिकेट इतिहास में अमर बना दिया है।

सबसे कम उम्र में विश्व कप जीतने वाले कप्तान

कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी और भारतीय टीम को पहली बार 1983 में वनडे विश्व कप का खिताब दिलवाया। यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित हुई। 24 साल की उम्र में कपिल देव ने टीम इंडिया को कप्तान के तौर पर जीत दिलाई और वे सबसे कम उम्र में विश्व कप जीतने वाले कप्तान बने। इस जीत ने न केवल भारतीय क्रिकेट की प्रतिष्ठा बढ़ाई, बल्कि पूरी दुनिया में भारत को क्रिकेट की एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया।

66 टेस्ट मैचों में लगातार भागीदारी

कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए लगातार 66 टेस्ट मैच खेले, जो एक अद्वितीय रिकॉर्ड है। यह उनके खेल के प्रति समर्पण और टीम के लिए उनकी महत्वता को दर्शाता है। 1984 में भारत और इंग्लैंड के बीच हुए टेस्ट मैच के दौरान वे पहली बार टीम से ड्रॉप हुए थे, लेकिन इसके बाद वे जल्दी ही वापसी कर गए और क्रिकेट मैदान पर अपनी उत्कृष्टता को कायम रखा।

1983 के विश्व कप में कपिल देव का ऐतिहासिक योगदान

1983 का विश्व कप भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक अहम पड़ाव था। फाइनल मुकाबले में कपिल देव की कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रन से हराकर अपना पहला विश्व कप खिताब जीता। कपिल देव ने इस टूर्नामेंट में अपनी सबसे बेहतरीन पारी भी खेली। जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में उन्होंने 175 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसमें 16 चौके और 6 छक्के शामिल थे। यह पारी अब भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक यादगार लम्हे के रूप में दर्ज है।

कपिल देव का क्रिकेट करियर

कपिल देव ने अपने क्रिकेट करियर में 131 टेस्ट मैचों और 225 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 5248 रन बनाए, जिसमें 8 शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही गेंदबाजी में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा, उन्होंने 434 विकेट चटकाए। वनडे क्रिकेट में कपिल देव ने 3783 रन बनाए और 253 विकेट लिए। उनकी ऑलराउंड प्रदर्शन के कारण वे भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में शुमार किए जाते हैं।

कपिल देव ने केवल क्रिकेट मैदान पर ही अपनी छाप नहीं छोड़ी, बल्कि वे एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में भी उभरे हैं। उनकी कठिन मेहनत, समर्पण और क्रिकेट के प्रति जुनून ने उन्हें दुनिया भर में एक आदर्श बना दिया है। उनकी कप्तानी में भारत ने पहली बार क्रिकेट के सर्वोच्च मुकुट पर हाथ लगाया और उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और कड़ी गेंदबाजी ने उन्हें क्रिकेट के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया।