HCCB ने 2020 में रिन्यूएबल और स्वच्छ ऊर्जा के जरिए किया हजारों टन का कार्बन उत्सर्जन कम

Akanksha
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बैंगलोर, फरवरी 19, 2021। भारत की अग्रणी एफएमसीजी कंपनियों में से एक हिंदुस्तान कोको-कोला बेवरेजेस (एचसीसीबी) ने अपनी रिन्यूएबल और स्वच्छ ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाते हुए इसी तरह के स्रोतों के जरिये अपनी ऊर्जा की आवश्यकता की 50 प्रतिशत पूर्ति   की। इस कदम ने कम्पनी को प्रतिवर्ष कुल 76,500 टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में सक्षम बनाया है। 46,500 टन कार्बन उत्सर्जन को सौर और वायु ऊर्जा के साथ तथा इसके अतिरिक्त 30,000 टन कार्बन उत्सर्जन को प्रतिवर्ष कम्पनी के बॉयलर्स में बायो-मास ईंधन के प्रयोग से कम किया जा सकेगा। एचसीसीबी द्वारा किया जा रहा 50 प्रतिशत रिन्यूएबल व स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग का यह समेकित प्रभाव पर्यावरण पर उतनी ही मात्रा में पड़ेगा जितना 35 लाख वृक्षों द्वारा प्रतिवर्ष ग्लोबल वॉर्मिंग को घटाने में पड़ता है। मील का पत्थर बन चुका यह कदम कम्पनी के 2015 से शुरुआत करते हुए 2030 तक (विज्ञान आधारित लक्ष्य) की अवधि में अपने कार्बन उत्सर्जन को 25 प्रतिशत तक घटाने की योजना के साथ जुड़ा हुआ है।

एचसीसीबी के ही रिन्यूएबल (नवीनीकरण योग्य स्रोत व साधनों से एचसीसीबी की कुल स्थापित वार्षिक पावर जेनरेशन 2019 में करीब 70 मिलियन यूनिट से बढ़कर अब वर्तमान में करीब 95 मिलियन यूनिट के स्तर पर आ गई है। वर्तमान में एचसीसीबी की 15 में से करीब 8 फैक्ट्रियां लगभग 50 प्रतिशत ऊर्जा रिन्यूएबल तथा स्वच्छ स्रोतों से ही पा रही हैं।

एचसीसीबी ने अपनी फैक्ट्रियों में रिन्यूएबल ऊर्जा के स्रोतों को शामिल करने हेतु विभिन्न समाधानों को नियुक्त किया है। कुछ महत्वपूर्ण अभियानों में शामिल हैं- फर्नेस ऑइल बॉयलर की जगह पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) का उपयोग, बॉयलर्स को ताकत देने के लिए,  मूंगफली और नारियल के छिलकों जैसे कृषि सम्बंधित कचरे से बने ब्रिकेट्स का उपयोग तथा साइट पर पावर जेनरेशन के लिए सौर ऊर्जा वाली छत लगाना, विभिन्न स्टेट ग्रिड के जरिये सौर और वायु ऊर्जा साधनों के लिए पर्चेस पॉवर एग्रीमेंट (पीपीए) में प्रवेश, एनर्जी एफिशिएंट तकनीक को अपनाना तथा हमारी फैक्ट्रियों में पारंपरिक बल्ब और लाइट के साधनों का एलईडी लाइट्स से परिवर्तन। इसके अतिरिक्त अन्य अपनाए गए उपायों में शामिल हैं- ब्रिकेट स्टीम आदि पर संचालित होने वाले चिलिंग ऑपरेशन के लिए वेपर एब्जॉर्बप्शन मशीन (वीएएम)।

इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए श्री आलोक शर्मा, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, सप्लाई चेन, एचसीसीबी, ने कहा-‘यह एक सस्टेनेबल भविष्य की ओर हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एचसीसीबी में हम विश्वास है कि रिन्यूएबल ऊर्जा में निवेश करना न केवल हमारी धरती के भले के लिए बल्कि व्यवसाय के भले के

लिए भी बहुत आवश्यक है। हम अपनी जिम्मेदारियों को लेकर पूरी जगरूकता रखते हैं और हमारे सिस्टम में मौजूद संभावना को लेकर बहुत उत्साहित हैं जो मेन्युफेक्चरिंग सप्लाई चेन में रिन्यूएबल ऊर्जा का समावेश करती है।’

वर्ष 2020 में कम्पनी ने महामारी के दौर में 7 अतिरिक्त रिन्यूएबल ऊर्जा के प्रोजेक्ट प्रारम्भ कर दिए हैं। कम्पनी की विभिन्न फैक्ट्रियों में लगाये गए ये प्रोजेक्ट्स विभिन्न स्टेट ग्रिडस के जरिये पर्चेस पॉवर एग्रीमेंट (पीपीए) द्वारा 23.5 मिलियन यूनिट्स पॉवर के स्रोत को पाने के हिसाब से डिजाइन किए गए हैं।