शुक्रवार को हाथरस गैंगरेप की शिकार युवती के परिवार वालों से मिलने के लिए मीडिया 3 दिन से लगातार पीड़ित के घर के वह खड़ी थी। लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें परिवार वालों से मिलने की अनुमति नहीं दी। जिसके बाद आरोपी परिवार को न्याय दिलाने के लिए मीडिया सहित सभी लोग धरने पर बैठ गए थे। वहीं अब आखिरकार आज मीडिया को पीड़ित परिवार वालों से मिलने की अनुमति दे दी गई। जानकारी के मुताबिक, आज मीडिया पीड़िता के परिवार से मिली जिसके बाद कई तरह के खुलासे पीड़िता के परिवार वालों ने किए।
पूछताछ में जब पीड़िता की भाभी ने कहा कि एसआईटी की टीम परसों उनके घर आई थी और उनसे पूछताछ की थी। वहीं परिवार ने कहा कि जिले डीएम ने उनसे अभद्रता से बात की। डीएम ने कहा कि अगर तुम्हारी बेटी की कोरोना से मौत हो जाती तो तुम्हें मुआवजा मिल जाता। परिवार ने बताया कि एसआईटी भी मिली है। उन्हें भरोसा नहीं है। परिवार वालों की एक ही मांग है कि उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए।
मां का कहना है कि कि वे अपनी बेटी को आखिरी वक्त में मिट्टी भी नहीं दे सकी। उनका चेहरा भी नहीं देख सकी। वहीं भाभी ने कहा की उस रात को उनकी ननद का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था। हमें नहीं पता पुलिस ने किसका शव जलाया है। इस दौरान भाभी ने डीएम पर भी आरोप लगाए और कहा कि जब उन्होंने बॉडी देखने की मांग की तो डीएम ने कहा कि आपको पता है पोस्टमॉर्टम के बाद डेड बॉडी का क्या हाल हो जाता है, हथौड़े से मारकर हड्डियां तोड़ दी जाती है। ऐसी लाश को तुमलोग देख पाते। 10 दिन तक खाना नहीं खा पाते।
भाभी ने बताया कि डीएम उन्हें बार बार कह रहे थे कि तुम्हें मुआवजा तो मिल गया। तुम्हारे खाते में कितना पैसा आया है, तुम्हें पता है? आगे भाभी ने कहा कि उन्हें बाहर नहीं दिया जा रहा था क्योंकि उन्हें डर था कि वे लोग सच्चाई मीडिया को न बता दें। पीड़िता की भाभी इस वक्त बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि उनका परिवार नार्को टेस्ट नहीं करवाएगा। नार्को टेस्ट डीएम का करवाना चाहिए। क्योंकि उन्होंने सीबीआई जांच की मांग से भी इनकार किया। जो लोग यहां रहे हैं राजनीति के लिए आ रहे हैं। लोग चाहते हैं कि ये सरकार गिर जाए तो दूसरी सरकार बना लें, लेकिन हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं है। हम इंसाफ चाहते हैं, न्याय चाहते हैं।